बस का पहिया चढ़ जाने से मृतक की खोपड़ी फट गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मजदूर की जान राजनैतिक होर्डिंग्स के कारण चली गई। होर्डिंग्स पर ध्यान होने के कारण बस चालक को मजदूर नजर नहीं आया और बस ने उसे टक्कर मार दी। हादसे के बाद भी बस चालक ने बस नहीं रोकी और बस लेकर आगे निकल गया। यातायात पुलिस ने भी बस को नहीं रोका। यातायात थाने के ठीक सामने घटना होने के बावजूद पुलिस व एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने के कारण लोग नाराज हो गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। करीब दो घंटे तक चौराहे पर लोगों को हंगामा जारी रहा। लोगों ने पुलिस प्रशासन के मुर्दाबाद के नारे लगाए व पुलिसकर्मियों से बहस भी की।
रविवार को सुबह करीब 10.30 बजे अंतिम यात्रा श्रीराम कॉलोनी आकर जयस्तंभ पर रुक गई और शव को रखकर लोग प्रदर्शन करने लगे। अहिरवार समाज समेत विभिन्न दलों के लोगों ने प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे सीएसपी संजय चतुर्वेदी व टीआई अवनीत शर्मा को भी लोगों ने घेर लिया।
हंगामा बढ़ता देख एएसपी टीएस बघेल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लोगों ने चौराहे से पोस्टर हटाने और इन्हें लगाने वालों पर भी कार्रवाई की मांग की।
लोगों ने रखीं ये मांगें
मृतक के परिजनों को तत्काल मुआवजा दिया जाए।
मृतक के आश्रित को नपा में नौकरी दी जाए।
पोस्टर, बैनर लगाने वालों पर संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
बस चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए।