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जरूरत पड़ी तो फायर स्टेशन प्रभारी नहीं चला पाएंगे दमकल, क्योंकि उनके पास लाइसेंस ही नहीं

पत्रिका स्पॉट लाइट : 4 फायर ब्रिगेड पर कुल स्टाफ चाहिए 48 लेकिन है सिर्फ 13
 

गुनाMar 12, 2024 / 09:49 pm

Narendra Kushwah

जरूरत पड़ी तो फायर स्टेशन प्रभारी नहीं चला पाएंगे दमकल, क्योंकि उसके पास लाइसेंस ही नहीं

जरूरत पड़ी तो फायर स्टेशन प्रभारी नहीं चला पाएंगे दमकल, क्योंकि उसके पास लाइसेंस ही नहीं

गुना . गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही रबी फसल की कटाई का काम भी चालू हो गया है। ऐसे समय में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस इमरजेंसी से निपटने के लिए गुना नगर पालिका की फायर विंग कितनी तैयार है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि कुल चार फायर ब्रिगेड को ऑपरेट करने 48 कर्मचारियों का स्टाफ चाहिए। लेकिन वर्तमान में 13 ही हैं। गौर करने वाली बात है कि सबसे ज्यादा कमी तो ड्राइवर की है। चार गाड़ियोंं को चलाने मात्र 3 ही चालक हैं। गौर करने वाली बात है कि यदि इमरजेंसी में जरूरत पड़ी तो फायर स्टेशन प्रभारी दमकल को नहीं चला पाएंगे। क्योंकि उनके पास इसे चलाने हैवी लाइसेंस ही नहीं है। बता देें कि ऐसे हालात इसलिए बने हैं क्योंकि पहले जो प्रभारी थे उन्हें कर्मचारियों से कथित विवाद के चलते यहां से हटाकर सीएमओ के वाहन का चालक बना दिया गया है। तब से (10 माह) फायर स्टेशन से जुड़े सभी कार्य ठीक ढंग से नहीं चल रहे हैं।

दो बड़ी घटनाओं ने इमरजेंसी सुविधाओं की खोली पोल फिर भी हालात जस के तस

बता दें कि बीते साल दो बड़ी घटनाओं ने नपा गुना के आग बुझाने के इंतजामों की पोल खोल दी थी। एक घटना बजरंगगढ़-आरोन रोड पर हुई थी। जिसमें डंपर से एक्सीडेंट होने के बाद यात्री बस मेें आग लग गई थी। इसमें बहुत ज्यादा जनहानि हुई थी। फायर ब्रिगेड के समय पर न पहुंचने तथा समय पर पानी उपलब्ध न होने की लापरवाही के चलते सीएमओ को सस्पेंड कर दिया गया था। दूसरी बड़ी घटना शहर के बोहरा काम्प्लैक्स क्षेत्र में एक कपड़े के गोदाम में आग लगने की थी। जिसे बुझाने में ट्रेंड स्टाफ के साथ-साथ संसाधनों की कमी भी सामने आई थी।

ड्राइवर और हेल्पर दोनों की बेहद कमी

विशेषज्ञ स्टाफ ने पत्रिका को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गुना नगर पालिका के पास 4 फायर ब्रिगेड हैैं। तीन शिफ्टों में स्टाफ को ड्यूटी देनी होती है। इस हिसाब से कुल स्टाफ की संख्या 48 होनी चाहिए। क्योंकि एक गाड़ी पर 12 का स्टाफ रहेगा। जो 8-8 घंटे की ड्यूटी देगा। आग बुझाने के लिए एक फायर ब्रिगेड पर ड्राइवर के अलावा 3 हेल्पर की जरूरत होती है। लेकिन वर्तमान में 4 गाड़ियों पर 3 ही ड्राइवर हंै। हेल्परों की संख्या 10 है।

अनुभवी को हटाकर कचरा कलेक्शन वाहन के प्रभारी को दी जिम्मेदारी

पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि पहले से स्टाफ की कमी से जूझ रही फायर विंग की हालत और ज्यादा खराब क्यों हो गई है। क्योंकि पहले जो प्रभारी थे रामकुमार जाटव, उनके पास फायर ब्रिगेड चलाने का हैवी लाइसेंस तो था ही। साथ ही उन्हें इस विंग का 17 साल का अनुभव है। गाड़ियों की देखरेख के साथ-साथ उनका कब और कैसे मेंटनेंस कराना है, यह वह भली भांति जानते थे। यही वजह है कि उनके कार्यकाल में कभी भी ऐसी परेशानी नहीं आई कि आग बुझाने के लिए गाड़ी भेजना है और समय पर ड्राइवर ही उपलब्ध नहीं है। या फिर वाहन में टायर या अन्य तकनीकी खराबी। वर्तमान में जो प्रभारी हैं उन्हें फायर ब्रिगेड से संबंधित न तो तकनीकी जानकारी है और न ही उनके पास इमरजेंसी में वाहन चलाने लाइसेंस है।

स्टाफ की बहुत कमी है

हमारे पास चार फायर ब्रिगेड हैं। इन्हें नियमानुसार चलाने जितने स्टाफ की जरूरत है, उससे बहुत कम है। इमरजेंसी में हमें कचरा कलेक्शन वाहन के चालकों तक को बुलाना पड़ता है। इसी कमी के चलते कभी-कभी दमकल को भेजने में देरी भी हो जाती है। 4 दमकलों के हिसाब से कुल 48 का स्टाफ होना चाहिए।
मोकम प्रजापति, प्रभारी

फायर स्टेशन गुना

स्टाफ की कमी पूरी करने कर रहे हैं व्यवस्था

हां यह बात सही है कि हमारे पास जितनी फायर ब्रिगेड हैं, उस हिसाब से स्टाफ नहीं है। इसके लिए हम व्यवस्था कर रहे हैं। जहां तक फायर स्टेशन प्रभारी का सवाल है, इस मामले में भी मैं जानकारी लेकर कुछ करता हूं।
तेज सिंह यादव, सीएमओ

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