scriptउत्तम ब्रह्मचर्य के साथ किया गया पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व का समापन | Completion of observance festival done with exquisite celibacy | Patrika News
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उत्तम ब्रह्मचर्य के साथ किया गया पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व का समापन

पर्वाधिराज पर्यूषण के समापन अवसर पर उत्तम ब्रह्मचर्य दिवस पर धरनावदा में मां जिनवाणी की शोभायात्रा निकाली गई।

गुनाSep 23, 2018 / 07:39 pm

chandan singh rajput

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Dharanwada On the closing ceremony of Parawadharaj Paryushan, on the occasion of the great Brahmacharya day, the procession of Maa Jiwanvi was taken in Dharnavada. In which Jainbandu came out through the main routes carrying messages of peace and non-violence. Shobha Yatra started from Adinath Digambar Jain temple.

धरनावदा. पर्वाधिराज पर्यूषण के समापन अवसर पर उत्तम ब्रह्मचर्य दिवस पर धरनावदा में मां जिनवाणी की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें शांति और अहिंसा का संदेश लेकर जैनबंधु प्रमुख मार्गों से निकले। आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से शोभायात्रा आरंभ हुई। जो सदर बाजार होते हुए पहले हाट के चौक पहुंची। जहा पर कलशों की बोली के उपरांत महिलाओ ने कलशों को सर पर रख पुन: जैन मंदिर पहुंची। दशलक्षण महापर्व के समापन अवसर सभी ने संकल्प लिया कि जीवन में नित्य दर्शन और स्वाध्याय करेंगे।
भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक मनाया गया और निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अरविंद जैन, मंत्री आशीष जैन नरेन्द्र कुमार जैन (नन्दू जैन), राकेश कुमार जैन, रजत जैन, इंजी अंकित जैन आदि उपस्थित थे।
म्याना में भी आयोजन
म्याना में सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा अनंत चतुर्दशी पर दिगम्बर पाश्र्वनाथ मंदिर से बाजार मार्ग होते हुए चल समारोह निकाला। इस अवसर पर सभी समाजजनों ने हिस्सा और जगह-जगह स्वागत भी किया गया।
शांति और अहिंसा का दिया संदेश
गुना. शहर में शांति और अहिंसा का संदेश लेकर जैन समाज के लोग शोभायात्रा में प्रमुख मार्गों से निकले। स्थानीय चौधरी मोहल्ला स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन से शोभायात्रा आरंभ हुई। जो बताशा गली, नीचला बाजार, सदर बाजार, जयस्तंभ चौराहे से होते हुए नईसड़क से पुन: बड़ा जैन मंदिर पहुंची। यहां सांगानेर जयपुर से आए पीयूष शास्त्री के निर्देशन में धार्मिक क्रियाएं हुईं।
इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए पीयूष शास्त्री ने कहा कि इस दशलक्षण महापर्व के समापन अवसर सभी संकल्प लें कि जीवन में नित्य दर्शन और स्वाध्याय करेंगे। जीवन में उत्तम ब्रह्मचर्य का महत्व बताते हुए शास्त्री ने कहा कि जीवन में यदि ब्रह्मचर्य नहीं है तो जीवन पशुओं के समान है। ब्रह्मचर्य के लिए पांच बातें जरूरी हैं सादगी, स्वाध्याय, सादा भोजन, सत्संगत और सेवा। जीवन में यह पांच बातें होगी तो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन होगा।
पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य दिवस पर जैन आगम के 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक मनाया गया। इस अवसर पर विद्यासागर नगर स्थित वासुपूज्य जिनालय पर भगवान वासुपूज्य का महामस्तकाभिषेक हुआ। वहीं बजरंगगढ़ में पूजन के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। साथ ही अन्य कार्यक्रम भी हुए।
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