अधिकारी के अनुसार, मुर्तजा कुरैरिस को सितंबर 2014 में हिरासत में लिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद से 12 साल की जेल की सजा मिली है। हालांकि अब उसे फांसी नहीं दी जाएगी। फिलहाल सजा अपील के अधीन है।
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मुर्तजा कुरैरिस पर कई अपराधों में शामिल होने का आरोप
मुर्तजा को सरकार विरोधी प्रदर्शन, आतंकी संगठन से जुड़ने और सुरक्षा बलों पर फायरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावे उनपर कई अपराधों में शामिल होने का आरोप है। हालांकि मुर्तजा ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है।
मुर्तजा ने दावा किया था कि दबाव के कारण उन्होंने सभी गुनाह को कबूल कर लिया था। ह्यूमन राइट्स एक्सपर्ट्स ने आशंका जाहिर की थी कि 18 साल के हो चुके मुर्तजा को फांसी दी जा सकती है। मुर्तजा को यह सजा कथित तौर पर उन अपराधों के लिए दी जाएगी, जो उसने महज 10 वर्ष की उम्र में किए थे।
अंतर्राष्ट्रीय जांच के दायरे में रियाद
सऊदी अरब की ओर से लगातार कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिसको लेकर अब रियाद अंतर्राष्ट्रीय जांच के दायरे में आ गया है।
पिछले साल अक्टूबर में पत्रकार जमाल खशोगी ( Jamal Khashoggi ) की हत्या और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी के बाद से रियाद अपने मानवाधिकारों के रिकॉर्ड को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच के दायरे में आ गया है।
ऑस्ट्रिया की सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने वियना में धार्मिक संवाद के लिए एक सऊदी-वित्त पोषित केंद्र को बंद करने की योजना बनाई, क्योंकि संसद ने आग्रह किया कि कुरैरिस के संभावित निष्पादन को रोकने की कोशिश की जाए।
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