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ग्रेटर नोएडा

देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट से 2023 में उड़ान भरेंगे विमान, ख़ासियत ऐसी कि आप भी करेंगे तारीफ

Highlights
-कोरोना को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन प्रेसवार्ता हुई
-इसमें कई देशों के मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल रहे
-नियाल और ज्यूरिख इंटरनेशनल के बीच करार पर हस्ताक्षर
 

ग्रेटर नोएडाOct 07, 2020 / 06:22 pm

Rahul Chauhan

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ग्रेटर नोएडा। जेवर में बनाने वाले देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को के लिए बुधवार को नोएडा एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के अधिकारियों ने करार पर हस्ताक्षर किए। कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के दौरान नियाल के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह व ज्यूरिख के अधिकारियों के अलावा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशि प्रकाश गोयल भी मौजूद रहे। कोरोना को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन प्रेसवार्ता हुई। इसमें कई देशों के मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल रहे। ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी के अधिकारी मलेशिया और स्विट्जरलैंड से भी ऑनलाइन इस करार में शामिल हुए।
ज्यूरिख इंटरनेशनल और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के अधिकारियों ने करार पर हस्ताक्षर करने के साथ ही 2023 में जेवर एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने की उम्मीद परवान चढ़ने लगी है। नियाल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि एग्रीमेंट हस्ताक्षर के बाद छह माह के अंदर ज्यूरिख को जमीन पर भौतिक कब्जा दिया जाएगा। कब्जा मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। ज्यरिख ने बैंकों के समूह से पांच हजार करोड़ रुपये का ऋण लेने के लिए भी आवेदन कर दिया है। शीघ्र ही ऋण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। अब दिसंबर 2023 तक हवाई उड़ान सेवा शुरू करने का लक्ष्य है।
डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर में करीब पांच हजार हेक्टेयर भूमि पर एशिया का सबसे बड़ा पांच रनवे का एयरपोर्ट बनेगा। प्रथम चरण में दो रनवे का निर्माण होगा। इसके लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। जिला प्रशासन ने अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर प्रदेश सरकार को जमीन पर कब्जा दे दिया है। दूसरे चरण में करीब तीन हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। हवाई अड्डे का का संचालन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) करेगी। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को सौंपी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने 2023 तक एयरपोर्ट का प्रथम चरण का निर्माण पूरा कर हवाई सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण यह परियोजना 4.50 हजार करोड़ की है जब यह परियोजना पूरी होगी तो 30 हजार करोड़ की चार फेज में होगी और 2023 में यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू हो जाएंगी। फेस वन का काम अभी शुरू हो रहा है, पीपीपी प्रोजेक्ट है। इसमें लैंड हम दे रहे हैं और निर्माण का खर्चा ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल करेगा। इस प्रोजेक्ट के 4 स्टेक होल्डर हैं उत्तर प्रदेश सरकार जिसकी हिस्सेदारी 37.5, नोएडा प्राधिकरण का 37.5, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का 12.5 और यमुना अथॉरिटी का 12.5 है ।
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