दरअसल अभी अप्रैल में ही पारा 40 के पार है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक जून को चुनाव के दिन गर्मी का मिजाज क्या रहेगा। भीषण गर्मी को देखते हुए राजनीतिक दलों के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी चिंतित हैं। बात करें 2023 की तो एक जून को पारा 40 के पार था। इसी को देखते हुए प्रत्येक बूथ पर ओआरएस की व्यवस्था की गई है।
डॉ अजय शुक्ला बताते हैं कि कि 37 डिग्री से ऊपर का तापमान मानव शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। क्योंकि तब शरीर अपना औसत तापमान बनाए रखने के लिए ज्यादा पसीना निकालता है। ऐसे में किसी ने अपना ख्याल न रखा और शरीर में पानी की कमी हुई तो वह बीमार पड़ सकता है।
नामांकन की तिथि सात मई है। पिछले साल मई में तापमान 38 डिग्री के आसपास था। इस साल भी ऐसा ही रहा तो शरीर का पानी निचोड़ लेने वाली गर्मी के बीच प्रत्याशियों को पर्चा दाखिल करना होगा। मतदाताओं की परीक्षा एक जून को होगी। पिछले साल का रिकार्ड देखें तो उन्हें मतदान के दिन 40 डिग्री की गर्मी में निकलना पड़ सकता है।
चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने भी खास तैयारियां कर रखीं हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि बूथों पर छाया की व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही पानी की व्यवस्था हर बूथ पर रहेगी। जहां मतदाताओं की लाइन लगी होगी वहां कुर्सियां भी रखी रहेंगी ताकि वोटर वहां बैठ सकें।