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गरियाबंद

राजिम विधायक भूल गए अपने गोद लिए गांव को, बांट जोहती रही जनता पूरे पांच साल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का ऐलान करते हुए सांसद और विधायकों से एक गांव को गोद लेने की बात कही थी

गरियाबंदNov 18, 2018 / 04:31 pm

Deepak Sahu

CGNews

राजिम विधायक भूल गए अपने गोद लिए गांव को, बांट जोहती रही जनता पूरे पांच साल

हिमांशु संघाणी.गरियाबंद. 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक जयप्रकाश की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का ऐलान करते हुए सांसद और विधायकों से एक गांव को गोद लेने की बात कही थी। उस वक्त लगा था कि देश के कई गांवों का भाग्य संवरने वाला है। मगर अफसोस अन्य गांवों का तो पता नहीं, ग्राम हरदी को गोद लेने के बाद राजिम विधायक फिर कभी इस ग्राम की सुध नहीं ली। नतीजा यह इस ग्राम के लोग आज भी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
ग्राम हरदी जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर है। इसके अंतर्गत आने वाले आश्रित ग्राम का नाम कासरबाय है। पूरे गांव में घूम कर लोगों से बात करने पर यह निष्कर्ष निकला की इस बार यहां के लोगों को साध पाना भाजपा के लिए अब आसान नहीं। विधायक के कहे मुताबिक गांव में विकास के वादे तो खूब हुए पर ज्यादातर कागजों तक ही सीमित है। गांव के लोगों ने बताया कि विधायक ने गांव की लगभग सभी सडक़ो का कांक्रीटीकरण करने की बात कही थी, मगर आज भी कई मोहल्ले में आवागमन की समस्या बनी हुई है।
बारिश के दिनों में गांव की कई गलियां पानी में डूब जाता है तो कई गलियों में कीचड़ का साम्राज्य होता है। शीतला पारा में खड़ी महिलाओं से बात की तो उन्होंने बताया कि मोहल्ले में सीसी रोड बनाने की बात विधायक ने तीन साल पूर्व कही थी। लेकिन आज तक सडक़ नहीं बनी, बारिश के दिनों में पूरी सडक़ का हाल-बेहाल हो जाता है।
कार्यकाल गुजर गया, लेकिन पुल नहीं बना
क्षतिग्रस्त पुल निर्माण के लिए विधायक को कई बार आवेदन दिया लेकिन पुल नहीं बन सका। नतीजा आदर्श ग्राम के वासियों के विकास की राह में पगार नाला रोड़ा बना हुआ हुआ है। विधायक आदर्शग्राम और उसके आश्रित ग्राम के लोगों ने बताया कि विधायक को लगातारटूटे पुल के निर्माण की मांग लाई गई। कई बार आवेदन तो कई बार मौखिक रूप से फिर भी राजिम विधायक अपने 5 साल के लंबे कार्यकाल में पुल का निर्माण शुरू नहीं करा पाए।
बनाना था गोकुल ग्राम, बन गया तालाब
कुछ लोग महावीर चौराहे पर बैठक कर रहे थे यंहां स्थानीय लोगों की नाराजगी वर्तमान विधायक के प्रति देखने को मिली। जब पूछा की आदर्श ग्राम के तौर पर विधायक ने आपके गांव में क्या विशेष कार्य करवाया है, ग्रामवासियों ने बताया कि पिछले 5 साल में कोई विशेष कार्य नही हुआ है। गोकुल ग्राम का उद्देश्य देशी पशु केंद्र बनाना है, जिससे ग्रामवासियों के लिए आर्थिक संसाधन के अवसर पैदा हो सके। दूध, जैविक खाद, केंचुआ, खाद, मूत्र डिस्टिलेट, घरेलू खपत के लिए बायो गैस से बिजली का उत्पादन, पशु उत्पादों की बिक्री कर गोकुल ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाना है लाखों खर्च के बाद भी गोकुल ग्राम के नाम पर केवल एक तालाब बना दिया गया है।
निर्माण का पैसा अब तक नहीं मिला
विधायक आदर्श ग्राम तो केवल नाम मात्र के लिए है। गांव को कागजों पर ओडीएफ का दर्जा तो मिल चुका है पर ज्यादातर शौचालय का निर्माण या तो अधूरा है या फिर शौचालय जर्जर स्थिति में अनुपयोगी पड़ा हुआ है। गई बार विधायक से शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिलने की शिकायत की गई, लेकिन आज तक राशि ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं कराई जा सकी।
निराश्रित महिला को स्वेच्छानुदान देने का वादा कर भूले
महिलाओं के समूह से चर्चा के दौरान वहां मौजूद उनके वार्ड में ही रहने वाली हेमिनी बाई साहू के पति के निधन के बाद आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो जाने के चलते 2 साल पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय को बताई थी। जिस पर 5 हजार की राशि स्वेच्छा अनुदान से देने को बात कही थी। यह राशि अब तक नहीं मिली। आवास योजना के तहत आवास की मांग कर रही है, परंतु पति के नाम पर आवंटन होने की बात कहकर पंचायत वाले नए सिरे से आवेदन देने के लिए कहते हैं। इसके चलते पिछले 2 सालों से वह जर्जर भवन में रहने को मजबूर है।

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