क्राइम ब्रांच को रात लुटेरों के बारे में पता चला था। थाना उत्तर पुलिस को साथ लेकर क्राइम ब्रांच टीम ककरऊ कोठी के समीप पहुंची। वहां तीन युवक दो बाइकों पर खड़े होकर बात कर रहे थे। पुलिस को देखकर तीनों भागने लगे। पुलिस ने घेर कर तीनों को दबोच लिया। थाने लाकर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने लूट के बारे में बताया।
पुलिस ने पकड़े लुटेरों के नाम विश्वनाथ यादव पुत्र राम रतन, पुष्पेंद्र कुमार पुत्र किशोरीलाल यादव व दिलीप पुत्र लोचन बताया है। तीनों नया टोला जुराव गंज कोंडा कटियार के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनके पास से एक लाख 69 हजार रुपये नगद बरामद किए। इसके अलावा उनके पास से दो तमंचे, पांच कारतूस, एक पल्सर और एक होंडा बरामद के साथ-साथ कागजात बरामद किए हैं।
पूछताछ में लुटेरों ने पुलिस को कई लूट की वारदातों के बारे में बताया। उन्होंने आगरा में एक लाख, इटावा में एक लाख, टूंडला में 10 दिसंबर को सोनपाल से दो लाख, उत्तर क्षेत्र में छह फरवरी को अजय कमार से 89 हजार, 31 जनवरी को सिरसागंज के सत्य प्रकाश से शिकोहाबाद में 98 हजार व रामगढ़ क्षेत्र में मोबाइल व बाइक लूट की वारदातों का इकबाल किया। लुटेरों को पकड़ने में क्राइम ब्रांच प्रभारी निरीक्षक प्रवींद्र कुमार, एसएचओ उत्तर रवींद्र दुबे, एसआई विक्रांत, सचिन कुमार, सिपाही दिनेश कुमार, रविंद्र कुमार, अरुण, मुकेश, राहुल, आशीष शुक्ला, अमित उपाध्याय और भगत सिंह ने अहम भूमिका निभाई।
एसपी सिटी राजेश कुमार ने बताया तीनों शातिर लुटेरे हैं। बैंकों से रुपये निकाल कर ले जाने वालों को निशाना बनाते हैं। पहले रेकी कर पूरी स्थिति का जायजा लेते हैं। उसके बाद घटना को अंजाम देते हैं। यह लोग अधिकांश उम्र दराज लोगों को थैला ले जाते समय निशाना बनाते हैं। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी वारदातों को अंजाम देते हैं। यह लोग वारदात से दो दिन पहले शहर में आकर किराए पर रहते हैं। एक जनपद में तीन-चार वारदातों को अंजाम देने के बाद चले जाते हैं।