286 साल पुराना है लाल बैग का इतिहास
बजट पेश करते समय वित्त मंत्री का संसद में लाल बैग के साथ आने की परंपरा 286 साल पुरानी है। साल 1733 में पहली बार ब्रिटिश वित्तमंत्री रॉबर्ट वॉलपोल ने बजट पेश करने के दौरान देश के आर्थिक लेखे-जोखे से जुड़े तमाम कागजात एक चमड़े के थैले में लेकर आए थे, जिसे फ्रेंच भाषा में बोजेट या बुगेट का नाम दिया गया था। इसके बाद 1860 में चांसलर ग्लैडस्टोन ने लकड़ी का बॉक्स बनवाकर उस पर लाल चमड़ा लगवाया और महारानी विक्टोरिया का मोनोग्राम भी छापवाया। तब से सभी वित्त मंत्रियों ने बजट दस्तावेज सदन में लाने के लिए उसी बॉक्स का इस्तेमाल किया। बात अगर भारत की करें तो 18 फरवरी 1860 को वायसराय की परिषद में जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया था। जेम्स विल्सन को ही भारतीय बजट के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।
151 साल पहले हुई थी ये रोचक घटना
इस लाल बॉक्स से जुड़ी एक रोचक कहानी है भी है, जो 151 साल पुरानी है। ये बात है वर्ष 1868 की जब चांसलर वार्ड हंट बजट पेश करने संसद पहुंचे और हाउस ऑफ कामंस में भाषण शुरू करने के लिए उन्होंने बॉक्स खोला तो उसमें से दस्तावेज गायब थे। बॉक्स खाली देखकर चारों ओर सन्नाटा छा गया। इसके बाद उन्होंने एक कर्मचारी को अपने दफ्तर भेजा और मेज पर रखे सारे कागजात उठा लाने को कहा। इसके बाद चांसलर ने अपना भाषण शुरू किया।
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