कच्चे तेल की कीमतों में दो फीसदी की गिरावट विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की 41.49 करोड़ डॉलर की पूंजी निकासी से यह कारोबार के दौारान 74.50 रुपए प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। हालांकि, बाद में डॉलर की बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से समर्थन पाकर रुपया 74 रुपए प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। यह अंतत:गत दिवस की तुलना में आठ पैसे की मजबूती 74.13 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कच्चा तेल करीब दो फीसदी फिसलकर 81.46 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमरीका की चिंता में लुढ़का शेयर बाजार अमरीकी शेयर बाजारों में बुधवार को आई तेज गिरावट की चिंता और घरेलू स्तर पर भारतीय मुद्रा के रिकार्ड निचले स्तर तक फिसलने के दबाव में गुरूवार को घरेलू शेयर बाजारों में भी चौतरफा बिकवाली देखी गई और प्रमुख सूचकांक दो फीसदी से ज्यादा लुढ़ककर छह महीने के निचले स्तर पर आ गए। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 759.74 अंक यानी 2.19 फीसदी का गोता लगाकर 34,001.15 अंक बंद हुआ, जो 11 अप्रैल के बाद का इसका निचला स्तर है। कारोबार के दौरान एक समय यह एक हजार अंक से ज्यादा लुढ़ककर 33,723.53 अंक के दिवस के निचले स्तर तक उतर गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 225.45 अंक यानी 2.16 फीसदी की गिरावट के साथ 10,234.65 अंक पर रहा। यह 04 अप्रैल के बाद का इसका भी निचला स्तर है। धातु, आईटी और रियलिटी समूहों में तीन फीसदी से अधिक की गिरावट रही। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल में गिरावट से तेल एवं गैस समूह की कंपनियों में निवेशकों ने पैसा लगाया।