दुर्गाष्टमी के दिन ऐसे करें महागौरी की पूजा
दुर्गाष्टमी के दिन सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त में उठ जाएं। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें और पूजा में बैठ जाएं।हो सके तो मां महागौरी की पूजा करने के लिए आप पीले वस्त्र धारण करें। पूजा आरंभ करने से पहले मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं और फिर पूजा आरंभ करें।इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं। सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

पूजा चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें। माँ महागौरी की पूजा में गुलाबी, श्वेत या फिर पीले फूलों को अर्पित करें। माता को सुगंधित इत्र अर्पित करने से वे शीघ्र पसन्न हो जाती है। महागौरी माता की पूजा के बाद माता के इन मंत्रों का ज श्रद्धापूर्वक करें।
अगर कोई साधक अष्टमी की रात्रि में माता महागौरी की पूजा कामना पूर्ति के लिए करते हैं तो शुभ परिणाम कुछ ही दिनों में मिलने लगते हैं। साधक पूजा में अगर संभव हो तो गुलाबी रंग कपड़े पहनकर पूजन करें, क्योंकि माता महागौरी ग्रहस्थ आश्रम की देवी मानी जाती है, जिन्हें गुलाबी रंग जो कि प्रेम का प्रतीक है, बहुत पसंद है। पूजा में गाय के घी दीपक ही प्रयोग करें।

माता महागौरी को श्रीफल (नारियल) का भोग अति प्रिय है, इसलिए पूजा में माता को नारियल का भोग लगाएं। अगर कोई दुर्गा अष्टमी के दिन माता को चरणों में एक नारियस चढ़ाकर बाद में उसे अपने सिर पर से तीन बार उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित करने करने से कोई खास मनोकामना पूरी हो जाती है।