गांव में सांपों का डर
गांव में बाढ़ का पानी भर जाने से लोगों को सांपों का डर बहुत अधिक सता रहा है। जिस प्रकार से बाढ़ का पानी चारों तरफ फैल रहा है, उसी प्रकार से बीमारियां भी चारो तरफ फैलना शुरू हो चुकी हैं। वही सुंदरपुर गांव में तो पहले ही आग से पूरे गांव की गेहूं की फसलें जल चुकी थीं, जिसमें तीन बच्चों की मौत भी हुई थी। लेकिन गांव वालों का कहना था कि फसल का मुआवजा खेत मालिक को मिला, जबकि खेत को हम लोगों ने कटता पर ले रखा था जिसमें कर्जा लेकर लागत लगाई थी। उसके बाद अब बाढ़ हम लोगों को मौत के घाट उतारने में लगी हुई है।
ग्रामीण परेशान जानकारी के अनुसार वर्तमान में इस गांव तक केवल नांव से ही पहुंचा जा सकता है। इन पीड़ितों के लिए प्रसाशन क्या कर रहा है। यदि अधिकारियों से पूछा जाए तो उनका सीधा कहना है कि जितने बाढ़ पीड़ित हैं, उनके लिए जो इंतजाम होने चाहिए वह कर दिए गए हैं। लेकिन जमीन पर कुछ नहीं दिखाई देता है। जिले के आस पास के चार-पांच जिलों के मरीज भी राम मनोहर लोहिया अस्पताल आते हैं। यहां पर उन मरीजों का उचित उपचार होने से जान बच जाती है।कटरी धर्मपुर के रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बाढ़ के कारण बिजली नहीं आ रही। दूसरी तरफ अंधेरा होने के बाद सांपो का डर सता रहा है। यदि रात को सांप किसी को काट लेता है। तो हम लोग उसको अस्पताल समय से नहीं ले जा सकते हैं क्योंकि चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। कोई सवारी भी यहां तक नहीं आ सकती। सड़क से लेकर पुलिया तक सभी बाढ़ के पानी से कट चुकी हैं। इसीलिए बाढ़ प्रभावित गांवों में सांपो का खौप साफ दिखाई दे रहा है।