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फर्रुखाबाद

जाहरवीर गोगा महाराज की जयंती पर उठाए गए उनके निशान, गिरने पर करना पड़ता है यह काम

Goga Ji Ka Mela : बाल्मीक समाज द्वारा जो लोग एक माह तक व्रत करते है वही लोग जाहरवीर गोगा महाराज निशान उठाते हैं, नहीं तो गिर जाते

फर्रुखाबादAug 27, 2018 / 06:43 pm

Mahendra Pratap

Goga Ji Ka Mela

जाहरवीर गोगा महाराज की जयंती पर उठाए गए उनके निशान, गिरने पर करना पड़ता है यह काम

फर्रुखाबाद. जाहरवीर गोगा की जयंती के अवसर पर फतेहगढ़ कोतवाली के निकट निशान बाल्मीक समाज के द्वारा एकत्र किए गए। जहां से निशान समाज के लोगों द्वारा उठाए गए। बाल्मीक समाज के लोगों ने निशानों की जगह पूजा अर्चना की और अमन शांति के लिए दुआएं की। बाल्मीक समाज के नेता श्याम बाल्मीक के नेतृत्व में कोतवाली फतेहगढ़ के निकट सैकड़ों बाल्मीक समाज के दूर दराज से आए लोग अपने अपने निशानों के साथ एकत्र हुए और उन्हें भव्य रुप से सजाया गया। बाल्मीक समाज के लोगों ने जयकारे भी लगाए।

जगह जगह पर पुलिस फोर्स बल

पुलिस अधीक्षक ने भारी भीड़भाड़ को देखते हुए भारी फोर्स बल तैनात किया और जगह जगह पर फोर्स बल लगाया। वहीं जिला अस्पताल के निकट मेले का भी आयोजन किया गया, जहां पर बाल्मीक समाज के लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। कई नेता व समाज सेवियों ने जाहरवीर गोगा महाराज के जुलूस में पहुंचकर भाग लिया और बाल्मीक समाज के लोगों की हौसला अफजाई की जिससे बाल्मीक समाज के लोग काफी गदगद दिखाई दिए। कायमगंज कायमगंज में भी गोगा जी की जयन्ती धूमधाम से मनाई गई। बाल्मीक समाज के लोगों ने बजरिया से निशान उठाए जिन्हे लेकर वह गमादेवी मन्दिर गांव चिलौली पहुंचे जहां पूजा अर्चना की।

इस बाल्मीकि समाज का मानना है कि जो भक्त निशान उठाता है वह एक माह में जिसने मन से पूजा नहीं की होगी उसका निशान जमीन पर जरूर गिरता है। यदि जिसका निशान जमीन पर गिरा उसे पूरे समाज को दावत देनी पड़ती है इसीलिए निशान उठाने वाले निशान को जमीन पर नहीं गिरने देते हैं क्योंकि एक निशान का भजन 80 किलोग्राम से लेकर एक कुन्तल का होता है।

निशान उठाने के नियम

बाल्मीकि समाज मे जो लोग गोगा जी महाराज का घोड़ा के रूप ने उनके निशान उठाते है वह लोग सावन शुरू होते ही पूरे महीने भर नग्गे पैर रहते है साथ मे बह्मचर्य का पालन करते है वह एक माह तक किसी के यहां जाते भी नहीं है जिससे उनका व्रत टूट न सके जो लोग व्रत के नियमों का पालन नहीं करते हैं और निशान उठाते हैं। उनके निशान रास्ते में ही गिर जाते है। इस समाज के लोग निशानों की पूजा करने के बाद त्योहारों की तरह मनाते हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

इस मेले के लिए पुलिस विभाग द्वारा रूट डायवर्जन किया जाता है। जिससे मेले में किसी प्रकार का जाम न लग सके दूसरी तरफ बाल्मीकि समाज की मांग पर इंतजाम किए जाते हैं।

 

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