वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर दो गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं अर्थशास्त्री
हाल ही में स्विटजरलैंड के डावोस में सम्पन्न हुए वर्ल्ड इकोनाॅमिक फोरम में इस बात पर प्रमुखता से चर्चा की गर्इ थी। वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर अर्थशास्त्री दो गुटों में बंटे हुए नजर अा रहे हैं। कइयों का मानना है कि यह दुनिया के
लिए खतरे की घंटी हैं वहीं कुछ का कहना है कि इसको लेकर कोर्इ चिंता करने की जरूरत नहीं है। ब्लैकस्टोन के चेयरमैन व सीर्इअो स्टीव श्वार्जमैन ने कुछ दिन पहले ही वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर लगाए गए कयासों को सिरे से खारिज कर दिया है।
यूरोप के लिए बड़ी चिंता
क्रुगमैन ने आर्थिक मंदी के लिए किसी एक बात को प्रमुखता से इंकित नहीं किया बल्कि उन्होंने कहा कि कर्इ आर्थिक मुद्दों की वजह से वैश्विक अर्थव्यस्था स्लोडाउन की तरफ तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैक्स कट को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की। उन्होंने अपने संबोधन में प्रमुखता से इस बात पर जोर दिया कि दुनियाभर के आर्थिक नीति तैयार करने वाले इस बात पर खासा ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमेशा से इस बात की चिंता रही है कि जब स्लोडाउन होता है तो हम इसके लिए न तो तैयार होते हैं आैर ना ही इसको लेकर रिस्पाॅन्ड करने का हमारे पास कोइ तरीका होता है। मंदी को लेकर यूरोप में सबसे अधिक खतरा नजर आ रहा है।”
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