आरबीआई के आंकड़े आने के तुरंत बाद ही पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कही की नोटबंदी से रिजर्व बैंक को 16 हजार करोड़ रुपए मिले है। लेकिन नए नोटो की प्रिंटींग पर ही 21 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुका हैं। सरकार के अर्थशास्त्रियों को इसके लिए नोबल पुरस्कार मिलना चाहिए।
वित्त मंत्री ने गिनवाए नोटबंदी के फायदे
विपक्ष के तरफ से लगातार चौतरफा हमल झेलने के बाद वित्त मंत्री खुद इसके बचाव में आते दिखाई दिए। वित्त मंत्री ने मीडिया को बताया कि, नोटबंदी के फेल हो जाने की बात करने वाले उसकी आलोचना करने वाले कंफ्यूज है। ऐेसे लोग खुद नोटबंदी के उद्देश्य को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होने आगे कहा, नोटबंदी को उद्देश्य काले धन को समाप्त करना, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था को लेसकैश बनाना था। इस दिशा में सरकार आगे बढ़ भी रही हैं। नोटबंदी से सरकार अपने उद्देश्य में आगे बढ़ रही है। इसका मकसद जम्मू कश्मीर एवं छत्तीसगढ़ में आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियों पर नकेल कसना था। अब नोटबंदी के बाद गतिविधियों यहां पर संसाधनों की कमी होने लगी हैं। इसके साथ ही व्यक्तिगत करदाताओं में 27 फीसदी की बढ़ोतरी भी हुई हैं।
वापस आने वाला सभी पैसा जरूरी नहीं की वैध
जेटली ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, नोटबंदी के संबंध में कुछ लोग टिप्पणी कर रहे है। जिन लोगों ने अपने जीवन में काले धन के खिलाफ जंग नहीं लड़ी वो इस पूरी प्रक्रिया को समझ नहीं पा रहे हैं। बैंकिंग सिस्टम में पूरा पैसा आ जाने का मतलब ये नहीं है कि वो वैध ही हैं। इन सभी पैसे के खिलाफ आयकर विभाग पूरी तरह जांच करता है। इसी वजह से लाखों लोगो को नोटिस पर डाला गया हैं। इससे डायरेक्ट टैक्स में बढ़ावा हुआ है और जीएसटी का प्रभाव बढ़ा है।
आरबीआई की रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी सलाना रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद वापस आए पुराने नोटो के आंकड़े को ऐलान कर दिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के 1,716.6 करोड़ नोट बाजार में आए थे और 1000 रुपए के 685.8 करोड़ नोट थे। इस तरह सिस्टम मे कुल 15.44 लाख करोड़ रुपए के नोट प्रचलन में थे। नोटबंदी के बाद 15.28 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट वापस आ चुके हैं। आरबीआई की इस रिपोर्ट में कई बातों को खुलासा हुआ। जैसे की नोट छापने की लागत दोगुनी हो गई हैै। वर्ष 2015-16 में नोटो की छपाई पर होने वाला खर्च 3,421 करोड़ रुपए था लेकिन वर्ष 2016-17 में यही बढ़क़र 7,965 करोड़ रुपए हो गया है। बाजार मे दो हजार रुपए के नकली नोट भी आ गए हैं। अधिकारिक तौर पर 650 से ज्यादा दो हजार के नकली नोट पकड़े गए हैं।