ये हैं संयुक्त परिवार में रहने के लाभ सुरक्षा- परिवार के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी परिजन मिलजुल कर निभाते हैं। स्वास्थ्य- किसी भी सदस्य की स्वास्थ्य समस्या, आर्थिक समस्या पूरे परिवार की होती है। ऐसे में परिवार पर कोई भी परेशानी आती है तो परिजन उसे सहजता से सुलझा लेते हैं।
गंभीर बीमारियों में भी नहीं टूटती हिम्मत- परिवार कोई सदस्य अगर गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो तो भी उसकी हिम्मत नहीं टूटती। परिवार के सब सदस्य अपने सहयोग से उसको बीमारी से निजात दिलाने में मदद करते हैं। बीमारी में उसे कोई आर्थिक समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ता।
किसी एक पर नहीं होता जिम्मेदारियों का बोझ- परिवार में सदस्यों की संख्या को देखते हुए उनमें ज़िम्मेदारियां भी बांट दी जाती हैं। इससे किसी एक पर जिम्मेदारियों का ज्यादा बोझ नहीं पड़ता और परिवार खुशी के साथ रहता है।
नहीं होता तनाव- जिम्मेदारियों का बंटवारा हो जाने से किसी एक सदस्य पर दबाव नहीं पड़ता। जिससे तनाव में जाने की स्थिति पैदा ही नहीं होती।
आने वाली पीढ़ी का विकास- संयुक्त परिवार (
joint family ) में बच्चों की सुरक्षा, चरित्र विकास पर खासा ध्यान रखा जाता है। संयुक्त परिवार के बच्चों की च्छाओं और आवश्यकताओं का अधिक ध्यान भी रखा जाता है।
बच्चों को मिलता है बड़ों का प्यार- माता-पिता के साथ-साथ अन्य परिजनों विशेष तौर पर दादा, दादी का प्यार भी बच्चों को मिलता है।
बच्चों का सुधरता है भविष्य- एकल परिवार (
nuclear family ) में बच्चों को बेहद लाड़-प्यार से पाला जाता है, जिससे वे कई बार जिद्दी हो जाते हैं। संयुक्त परिवार में रहकर बच्चों को बड़े-बूढ़ों से जो संस्कार मिलते हैं, वह आप उन्हें अकेले रहकर नहीं दे सकते।
नहीं होती कोई परेशानी- अगर आप संयुक्त परिवार में रहते हैं तो आपको खाने की कभी भी परेशानी नहीं होगी। मां के साथ आपको अपनी चाची और ताई के हाथ का भी खाना खाने को मिलेगा।
हर त्यौहार में आता है मज़ा- संयुक्त परिवार में सबसे ज्यादा मज़ा तब आता है जब घर के सभी सदस्य मिलकर किसी त्यौहार को सेलिब्रेट करते हैं।