नगर निगम द्वारा उरला में वर्ष 2007-08 में 16 करोड़ की लागत से 1638 आइएचएसडीपी आवास बनाए गए हैं। कॉलोनी में 18 मकानों वाले 91 ब्लॉक बने हंैं। इनमें से वर्ष 2010 से 2014 के बीच 406 ,नवंबर 2014 से जनवरी 2015 तक 374 और नवंबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच 500 आवास का आवंटन किया गया। इन आवासों के एवज में बकायदा हर माह किराया वसूल किया जा रहा था, लेकिन निगम में इनका कोई भी हिसाब नहीं है।
राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा और सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा के पास आवासों के आवंटन और किराए का हिसाब-किताब रखने की जिम्मेदारी थी। निगम से गायब फाइलें भी इन्हीं के पास भी थी। जब इनकी जांच कराई गई केवल दो हितग्राही के प्रीमियम की राशि 38 हजार 637 रुपए का हिसाब मिला। शेष फाइलें गायब थी अथवा हिसाब आधे-अधूरे थे। आधे-अधूरे फाइलों में भी काट-छांट और ओवर राइटिंग पाया गया। इस पर दोनों कर्मियों को पहले ही निलंबित कर दिया गया है।
आइएचएसडीपी के 2 लाख कीमत के मकानों को 38 हजार में दिया है। इसके लिए 2 से 5 हजार रुपए प्रीमियम लेकर हितग्राहियों को कब्जा दिया। प्रीमियम के बाद शेष राशि 800 रुपए प्रति माह के हिसाब से वसूल करने का प्रावधान है। निगम के पास केवल 1280 हितग्राहियों के पहले किस्त का हिसाब है। जांच में यह आशंका सच हुआ तो अमानत में खयानत का मामला बनता है।
निगम प्रशासन द्वारा गायब फाइलों की जगह नए दस्तावेज तैयार करने आवासों का सर्वे कराया जा रहा है। इसमें 114 आवासों में आवंटियों की जगह बाहरी लोग पाए गए। इन आवासों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। इसके लिए पूर्व आवेदनों के आधार पर हितग्राहियों की सूची चस्पा की गई है। 23 अटल आवास के लिए भी सूची जारी की है। इस सूची पर 7 दिन के भीतर दावा आपत्तियां भी मंगाई है।
गरीबों के आवासों के फाइलें गायब होने और प्रीमियम में गड़बड़ी का खुलासा पत्रिका ने सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज के आधार पर किया था। 14 जुलाई २०१८ को मामले का खुलासा करते हुए विस्तारपूर्वक समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद आवासों के प्रीमियम का काम देखरहे सहायक राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा व सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
नगर निगम दुर्ग आरओ आरके पांडेय ने बताया कि मामले में एफआइआर के लिए कोतवाली पुलिस को पत्र भेजा गया है। साथ ही मामले से संबंधित सभी दस्तावेज की फोटो कॉपी भी दी गई है। इसमें दोषी पाए गए दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कूटरचना का प्रकरण दर्ज करने कहा गया है। सिटी कोतवाली दुर्ग टीआई सुरेश धु्रव ने बताया कि आवासों में गड़बड़ी से संबंधित कोई भी पत्र अथवा दस्तावेज नगर निगम से हमें अभी नहीं मिला है। मिलने पर मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।