दुमका के चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मो.तौफीकुल हसन की अदालत ने काठीकुंड थाना कांड संख्या-55/013 और सत्र वाद संख्या- 232/013 अशोक कुमार बनाम सतन बेसरा बगैरह मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद मामले में सात नामजद आरोपियों में से सनातन बास्की उर्फ ताला दा और प्रवीर दा को दोषी करार दिया। जबकि अन्य पांच आरोपी सतन बेसरा,मानवेल मुर्मू लोबिन मुर्मू,वकील हेम्ब्रम और मानवेल मुर्मू(इस मामले में मानवेल मुर्मू नाम का दो आरोपी है।) को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
न्यायालय द्वारा दोषी आरोपियों को सजा की बिन्दु पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 26 सितम्बर 2018 निर्धारित की
गई है। इस मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा और बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह,राजा खान और के.एन.गोस्वामी ने बहस में हिस्सा लिया और पैरवी की। सरकार की ओर से इस मामले में 31 गवाह पेश किए गए।
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के जमनी गांव के समीप दो जुलाई 2013 को दिन में ही पहले से घात लगाये जंगल में छिपकर बैठे नक्सली दस्ते ने ताबड़तोड़ गोलियों से पाकुड़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमरजीत बलिहार सहित छह पुलिस जवानों पर हमला कर दिया था, जिसमें पाकुड़ के पूर्व पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिस के जवान शहीद हो गये थे।
घटना के दिन पूर्व पुलिस अधीक्षक शहीद अमरजीत बलिहार अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ एक प्राईवेट वाहन स्कार्पियों से दुमका में पुलिस उपमहानिरीक्षक की बैठक से वापस पाकुड़ लौट रहे थे। इस घटना को लेकर काठीकुंड के पूर्व थाना प्रभारी अशोक कुमार के बयान पर सात नामजद सहित 30-35 नक्सलियों के खिलाफ हत्या व सीएलए एक्ट के तहत मामले दर्ज किये गये। जांच के दौरान पुलिस ने सात नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।