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रोग और उपचार

Smoking नहीं करने वालों में भी बढ़ रहा है फेफड़ों का कैंसर, जाने क्या कारण है?

Lung cancer symptoms : आम तौर पर फेफड़ों के कैंसर को सिगरेट पीने वालों की बीमारी माना जाता है. लेकिन, एक नए अध्ययन के अनुसार उन लोगों में भी तेजी से ये जानलेवा बीमारी बढ़ रही है जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी थी. यह इस बात का संकेत देता है कि ऐसे लोगों का लंबे समय से रेडॉन गैस के संपर्क में रहना इसका कारण हो सकता है.

Apr 11, 2024 / 02:28 pm

Manoj Kumar

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Smokeless Lung Cancer on the Rise: What You Need to Know

Lung cancer symptoms : अध्ययन बताते हैं कि फेफड़ों का कैंसर (Lung cancers) अब केवल धूम्रपान करने वालों की बीमारी नहीं रही है। अध्ययन में पाया गया है कि धूम्रपान न करने वालों में भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण रेडॉन गैस (Radon gas) बताया जा रहा है।

रेडॉन गैस (Radon gas) जमीन के नीचे रेडियोधर्मी पदार्थों के टूटने से बनता है। यह गैस रंगहीन और गंधहीन होता है और घर की दीवारों में दरारों से होते हुए घर के अंदर आ जाता है। यह गैस घर में हवा में मिलकर फेफड़ों तक पहुंच सकता है और खतरनाक हो सकता है। इस गैस का पता लगाना मुश्किल है, विशेष जांच कराने पर ही इसका पता चल सकता है।
अध्ययन के अनुसार करीब 15 से 20 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर (Lung cancers) के नए मामले उन लोगों में पाए जा रहे हैं जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया। इनमें से कई लोग 40 या 50 साल की उम्र के होते हैं।
धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का एक मुख्य कारण है रेडॉन गैस

अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के डॉक्टर डेविड कार्बोन का कहना है कि “जिनके भी फेफड़े हैं उन्हें फेफड़ों के कैंसर (Lung cancers) का खतरा रहता है। हमें रेडॉन गैस (Radon gas) के बारे में जागरूक होना चाहिए क्योंकि यह धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर (Lung cancers) का एक मुख्य कारण माना जाता है। इस खतरे को कम करने के उपाय भी किए जा सकते हैं।”
डॉक्टर कार्बोन बताते हैं कि घर में रेडॉन गैस की मात्रा नापने के लिए आसान जांच मौजूद हैं। रेडॉन गैस की मात्रा कम करने के लिए कुछ उपाय भी किए जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, घर के बाहर एक रेडॉन रिमूवल सिस्टम लगाया जा सकता है जो तहखाने से हवा बाहर खींचता है। तहखाने में रेडॉन गैस जमा होने का ज्यादा खतरा होता है। घर में हवा के संचार को बढ़ाना भी जरूरी है। इसके लिए खिड़कियां खोली जा सकती हैं और पंखे चलाए जा सकते हैं। दीवारों और फर्श में दरारों को बंद करना भी जरूरी है।
डॉक्टर कार्बोन स्कूलों, दफ्तरों और घर बेचते समय रेडॉन जांच को अनिवार्य कराने के लिए कानून बनाने की मांग भी कर रहे हैं। रेडॉन गैस के फेफड़ों पर पड़ने वाले प्रभाव धीरे-धीरे सालों बाद सामने आते हैं।
डॉक्टर कार्बोन का कहना है कि “आज अगर आपके बच्चे तहखाने में खेल रहे हैं या स्कूल जा रहे हैं और वहां अज्ञात मात्रा में रेडॉन गैस मौजूद है तो 10, 20 या 30 साल बाद उन्हें फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। यह गैस रंगहीन और गंधहीन होने के कारण इसका पता चल पाना मुश्किल है। इसलिए जरूरी है कि इसकी जांच कराई जाए।”

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