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ऊर्जा के प्राकृतिक स्त्रोत हैं सर्दी के साग

शरीर के अंदरुनी अंगों की ताकत बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी बढ़े इसके लिए नियमित हरी पत्तेदार सब्जियां खाना फायदेमंद रहता है। इनमें न केवल सूक्ष्म पोषक तत्व दूसरी सब्जियों और फलों से अधिक होते हैं बल्कि भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई गंभीर बीमारियों से बचाव करते हैं।

Jan 03, 2020 / 02:46 pm

Divya Sharma

ऊर्जा के प्राकृतिक स्त्रोत हैं सर्दी के साग

ऊर्जा के प्राकृतिक स्त्रोत हैं सर्दी के साग

02 चम्मच तेल में ही हरी पत्तेदार सब्जी बनाएं। घी वात प्रकृति को बढ़ाता है।
03 बार अच्छे से धोएं। धोने के बाद के बाद ही इसे काटें।

5-6 लहसुन की हरी पत्तियां डालकर बनाई हरी पत्तेदार सब्जी पौष्टिक व स्वादिष्ट बनती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के स्वस्थवृत्त विभाग के डॉ. सर्वेश अग्रवाल के अनुसार अगर बात करें हरे पत्तेदार साग की तो इस मौसम में खाने के कई पौष्टिक विकल्प मौजूद हैं जैसे मेथी, पालक, सरसों, और मूली के पत्ते आदि। जानते हैं अन्य दूसरे सागों के बारे में विस्तार से-
पोई का साग
इसे भारतीय पालक भी कहते हैं। इसके पत्ते पालक की तरह दिखते हैं लेकिन आकार में थोड़े छोटे होते हैं।
उपयोगी : सब्जी के रूप में खाने से यह शरीर में विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। इससे खून की कमी व शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
गाजर के पत्ते (गजरा )
आम बोलचाल की भाषा में इसे पलरा या पालर भी कहते हैं। ये बारीक धनिए की तरह दिखते हैं।
उपयोगी : इन पत्तों से बनने वाली सब्जी को सर्दी के मौसम में नियमित खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और रक्तसंचार बेहतर होता है।
चौलाई का साग
इसके पत्ते मध्यम आकार के होते हैं।
उपयोगी : इससे बनी सब्जी मौसमी रोगों और संक्रमण से बचाव करने में उपयोगी होती है।
सोया का साग
सौंफ और गाजर के पत्तों जैसी दिखती हैं सोया की पत्तियां।
उपयोगी : कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इसमें न के बराबर होती है जिससे यह सब्जी वजन घटाने में मदद करती है। इससे विटामिन-ए की पूर्ति होती है।
सहजन के फूल व पत्ते
इसके फल व फूल के अलावा पत्तों की भी पौष्टिक सब्जी बनती है।
उपयोगी : कैल्शियम से भरपूर ये पत्ते मांसपेशियों को मजबूत रखते हंै।
चने व बथुए का साग
चने की पत्तियां आकार में बेहद छोटी होती हैं। वहीं बथुए की पत्तियां इससे थोड़ी बड़ी होती हैं। इन दोनों का ही रंग गहरा हरा होता है।
उपयोगी : कब्ज, डायबिटीज, बवासीर, पीलिया आदि रोगों में यह फायदेमंद हैं। किसी भी तरह के संक्रमण को नष्ट करने के लिए इनसे तैयार सब्जी खाई जा सकती है।
साग बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें
शरीर को ताकत
वनौषधि विशेषज्ञ डॉ. शम्भू शर्मा के अनुसार आयुर्वेद के ‘खली कपोतीयÓ सिद्धांत के अनुसार शरीर के जिस अंग को जिस तत्व की जरूरत होगी वह इन सब्जियों से पूर्ति कर लेता है। गाजर की पत्तियां, सोया व चने में एक विशेष ऊष्ण तत्व पाया जाता है जो शरीर को गर्मी के साथ ऊर्जा भी देता है।
आलू या दाल है बेहतर
हरी पत्तेदार सब्जी को सूखी (सूखी रूप में बनने वाली सब्जी को पंसी भी कहते हैं) या गीली बना सकते हैं। सूखी के लिए पत्तियों को उबले या कच्चे आलू के साथ मिक्स करें। गीली सब्जी किसी भी दाल (मूंग विकल्प) के साथ मिक्स कर बना सकते हैं। चने का साग मक्का या बाजरे के आटे संग बनता है। इनमें ऊपर से डालने वाले आटे को आलन कहते हैं।
सर्दी में साग को बाजरा, मक्के की रोटी व गुड़ संग खाएं। गर्मी में साग को गेहूं व जौ के आटे से तैयार रोटी व छाछ या आमपना के साथ खाएं।
ज्यादा न पकाएं

कोई भी हरी पत्तेदार सब्जी को ज्यादा देर न पकाएं। इससे इसके पौष्टिक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
घर पर उगाएं

सब्जियां हरी पत्तेदार सब्जियों को घर पर भी कम जगह पर आसानी से उगा सकते हैं। ये ज्यादा पौष्टिक हैं।

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