माना जाता है कि जो कुछ भी हम रात को खाते हैं उसका सीधा असर हमारे अगले दिन की ऊर्जा पर पड़ता है। इसलिए व्रत से एक दिन पहले खासतौर पर ऐसी चीजें खानी चाहिए जो अगले दिन के लिए ऊर्जा से भरपूर रखें। कोशिश करें कि ज्यादा मीठा या नमकीन, छोले, मैदा, बेसन, ग्रेवी वाली सब्जी आदि को न खाएं। इनसे अगले दिन बार-बार प्यास लगेगी। इनके बजाय हल्का व पौष्टिक खाना खाएं। जिसमें पानी वाली सब्जी, दाल, पुलाव या खिचड़ी खा सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के अलावा डायबिटीज, हृदय रोगी, माइग्रेन, मिर्गी के मरीजों, गर्भवती महिलाएं, हाल ही मां बनी व ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को उपवास रखने की मनाही होती है। साथ ही यदि करें भी तो भूखे न रहें। लंबे समय तक भूखे रहने से परेशानी और बढ़ जाती है। इसलिए दिनभर में कुछ न कुछ खाते रहें।
गर्भवती व ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाएं यदि व्रत रखती हैं तो वे दिनभर में फल खाने के साथ लिक्विड डाइट के रूप में एक गिलास दूध, नींबू पानी, फलों का जूस, नारियल पानी, बनाना शेक आदि पी सकती हैं। यदि डायबिटिक हैं तो सीमित मात्रा में फल, जूस व बादाम खा सकती हैं। अन्य रोगी भी तरल के अलावा फल व अंजीर खाएं।उपवास के दिन भी कोशिश करें कि एक समय भोजन करते वक्त आप कुल 1200 – 1400 कैलोरी ही लें।
इस दिन आपको अपनी दिनचर्या सामान्य दिन से थोड़ी अलग रखनी चाहिए। जैसे जिस तरह की साफ-सफाई आप अपनी दिनचर्या में करती हैं उसे इस दिन के लिए कम कर दें। वर्ना सुबह के समय से ही आपकी ऊर्जा कम हो सकती है जिसके बाद चक्कर आने व बेचैनी की समस्या हो सकती है। हल्की- फुल्की सफाई कर सकती हैं।
इस व्रत में आमतौर पर शाम को भोजन करते हैं। ऐसे में हैवी डाइट न लें। व्रत खोलने की शुरुआत घूंट-घूंट कर पानी पीने, नींबू पानी या जूस से करें ताकि शरीर के अंदरूनी अंग बैलेंस हो सकें। मिठाई ज्यादा न खाएं वर्ना शुगर लेवल एकदम से बढ़ सकता है। भोजन में तली-भुनी व गरिष्ठ चीजें न खाएं वर्ना हाई बीपी व अपच हो सकती है।