मालवा की जल समस्या का निदान नर्मदा योजना
कृषि को लाभ का धंधा बनाया जा सकेगा
सर्वज्ञ पुरोहित
धार. मालवा क्षेत्र के हजारों गांव एवं बड़े शहर पेयजल की समस्या से हर वर्ष दो-चार होते है। धीरे-धीरे मालवा अंचल रेगिस्तान में परिवर्तित हो रहा है। इसे रोकने के लिए मालवा में नर्मदा के जल की आवश्यकता है। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्यामाचरण शुक्ल की दूरगामी सोच थी कि नर्मदा का जल धार जिले के मांडू में लाकर इसे मंदसौर-नीमच तक भेजा जाएगा। बजट अभाव में यह योजना खटाई में पड़ गई। एक बार पुन पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने पुन सर्वे करवाकर फाइलें खुलवाई । नया सर्वे करवाया गया परंतु योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। नवगठित शासन मप्र व राजस्थान दोनों ही स्थान कांग्रेस की सरकार है। यदि दोनों राज्य मिल जाए तो मप्र मालवा व राजस्थान का बांसवाड़ा क्षेत्र के कृषक जहां सिंचाई सुविधा प्राप्त करेंगे। वहीं सैकड़ों गांवों को पेयजल भी मिल सकेगा। नर्मदा घाटी योजना के प्रभारी मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस योजना में रुचि ले तो करोड़ों लोगों व कृषकों को पेयजल के साथ सिंचाई के संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। डॉ हरि विष्णु वाडकर की खोज नर्मदा का जल मांडू के लिए चिड़ी खो तक लिफ्ट करके मांडू ५ वीं से ११ वीं शताब्दी तक लाया जाता था (मिट्टी के पक्के पाइप की खोज की गई थी)।
मूर्त रूप दिए जाने की आवश्यकता
नर्मदा घाटी योजना की नहरें एवं दोनों क्षेत्र में बड़े तालाब जैसे नालछा तालाब, मान डेम (जीराबाद) से जोडक़र एक ओर चंबल से जोड़ा जा सकता है तो दूसरी ओर माही नदी से जोड़ा सकता है। दोनों योजना का सर्वे करवाकर बजट प्रावधान कर मूर्त रूप दिए जाने की जरूरत है। योजना के तहत मांडू-नालछा में लिफ्ट एरीगेशन से पानी मालवा क्षेत्र की ऊंची पहाडिय़ों पर पहुंचाया जाए एवं नालछा तालाब होकर (नालछा से बगड़ी तक नहरें बनी है।) देदला ग्राम की नदी एवं गुणावद, सादलपुर, कैसूर में चामला नदी में नहर को मिलाया जा सकता है। वहीं से धार को जोडक़र धार की जलापूर्ति की जा सकती है। चामला नदीं से पानी बडऩगर होकर नागदा में चंबल में मिलाया जा सकता है, जिससे चंबल का लाभ राजस्थान को भी प्राप्त होगा। यहां प्राकृतिक रूप से छोटी नदियां मध्यम नदियों मे एवं मध्यम नदियां बड़ी नदी में मिलती है। वहीं दूसरी ओर बाकानेर-मनावर क्षेत्र से जा रही ओंकारेश्वर बांध परियोजना की नहरें वर्तमान में जल संकट से जूझ रही है। इसके लिए भी एक उपतट बंध का उपयोग कर मान बांध से जीराबाद, केसवी या लालगढ़, अमझेरा, हातौद में माही नदी के उदगम में पानी छोड़ा जाए तो अमझेरा, सरदारपुर, राजगढ़ की जल समस्या का निदान होगा।
जल्द उपलब्ध करवाएंगे
&धार जिले में नर्मदा का जल लाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग से चर्चा की जाएगी और जल्द ही जिले में नर्मदा का जल उपलब्ध करवाया जाएगा। नर्मदा का जल लाने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाएगी और इसे जल्द ही मूर्त रुप भी दिया जाएगा -सुरेंद्रसिंह बघेल, केबिनेट मंत्री, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण
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