इस ग्राम सभा के दस्तावेज वन जलवायु एवं पर्यावरण मंत्रालय नागपुर मांग रहा है। पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी इन दस्तावेजों के चलते नागपुर का दो बार दौरा कर चुके हैं। हालांकि पूरा मामला दिल्ली से बिगड़ा है। एयर स्ट्रीप की फाईल को नागपुर भेजना था। लेकिन शासन ने गलती से दिल्ली भेज दी। यहां फाइल गुम हो गई। इसके बाद दोबारा दस्तावेजों को तैयार किया गया है। इस सबंध में पीडब्लूडी विभाग के प्रभारी ईई को फोन लगाया पर उनको फोन नहीं लगा। इस लिए उनका पक्ष नही आ सका।
चार साल पहले एयर स्ट्रीप की निविदा जारी की गई थी। 39.90 हेक्टयर में बनना है। 6 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से तैयार होता है। अब एक पेंच यह भी आ रहा है कि जिस कंपनी ने इसे बनाने का ठेका लिया है, वह भी हांथ खड़े कर सकता है। चार साल बाद मटेरियल और अन्य सामाग्रियों की कीमत में बड़ा फ र्क आ गया है। पीडब्लूडी विभाग से जुड़े सूत्रों का क हना है यदि उस कंपनी ने हांथ खड़े किए तो दोबरा निविदा जारी करने पड़ेगी। इसके लिए एक बार फिर शासन स्तर से अनुमति की जरूरत पड़ेगी। इसमें और वक्त लगेगा।
रायुपर से फाइल दिल्ली पहुंच गई, यहां ये फाईल खो गई। इसके बाद दोबारा दस्तावेज बनाने में वक्त लगा। नागपुर में सभी दस्तावेजों को बरीकी से देखा जा रहा है। पहले बालूद में जहां इस एयर स्ट्रीप को बनना है वहां ग्रामीणों ने विरोध किया। 200 मीटर के रकवे को 1500 मीटर में करना पड़ा।
पीडब्लूडी विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है एयरस्ट्रीप को तैयार करने के लिए अभी बड़ी अड़चने है। जगदलपुर में पांच जगह भूमि को चिन्हित किया गया है। 79.8 हेक्टयर जमीन है। इस जमीन के आस-पास आने वाले गांव में प्रशासन को ग्राम सभा करवानी है, जो अभी तक नहीं हुई। विभाग के अधिकारियों का कहना है कुल मिला कर काटने से लेकर पौधों को लगाने तक साढ़े आठ करोड़ रुपए वन विभाग को देना है। यह प्रक्रिया में है।
सुविधा तो शहर को मिलेगी ही, लेकिन पहले वीवीआईपी, फिर घायल जवानों को प्राथमिक रूप से रखा गया है। इसके बाद किसी कंपनी से अनुबंध हुआ था तो 32 सीटर एयर टेक्सी की सुविधा नगरवारियों को मिलेगी। आस में नगरवासी, हर बार कहा जाता है जल्द यह सब मिलेगा। चार साल गुजर गए है इंतजार में अभी अधिकारी कह रहे है कि अभी और वक्त है।