scriptसौंफ ने तोड़ी किसानों की उम्मीदें, पैदावार तो दोगुना हुई, लेकिन भाव रहे आधे | Fennel broke the hopes of farmers, production doubled, but prices remained half | Patrika News
दौसा

सौंफ ने तोड़ी किसानों की उम्मीदें, पैदावार तो दोगुना हुई, लेकिन भाव रहे आधे

इस बार मंडी में सौंफ गत वर्ष के मुकाबले आधे दामों पर ही बिक रही है। इससे मंडी में सौंफ बेचने के लिए पहुंच रहे किसान के चेहरों पर मायूसी साफ तौर पर देखी जा रही है।

दौसाApr 24, 2024 / 12:18 pm

Santosh Trivedi

fennel price in rajasthan today
देशभर में सौंफ की बड़ी मंडी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी लालसोट कृषि उपज मंडी में इस वर्ष सौंफ की पैदावार करने वाले किसानों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही है। गत वर्ष लालसोट मंडी में रिकार्ड दामों पर सौंफ बिकने के बाद इस बार मंडी में गत वर्ष के मुकाबले आधे दामों पर ही सौंफ बिक रही है। इससे मंडी में सौंफ बेचने के लिए पहुंच रहे किसान के चेहरों पर मायूसी साफ तौर पर देखी जा रही है।
लालसोट मंडी में अप्रेल माह की शुरुआत के साथ ही आवक शुरू हो गई थी। बीते कुछ दिनों से यह आवक 10 से 12 हजार बोरी तक जा पहुंची और पूरी मंडी सौंफ की खुशबू से महक रही है। पूरी मंडी में जगह-जगह सौंफ की ढेरियां लगी नजर आ रही है। मंडी में सौंफ की बंपर आवक तो रही है, लेकिन इस बार सौंफ की फसल लेकर मंडी पहुंचे किसानों को बड़ा झटका लग रहा है।

6 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही सौंफ

मंडी में इस वर्ष सौंफ के दाम पिछले साल के मुकाबले आधे ही रह गए हैं। जहां गत वर्ष सीजन की शुरुआत से ही किसानों को अच्छ भाव मिले थे और शुरुआत में 12 हजार से लेकर 18 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भावों पर सौंफ बिकी थी और सीजन के अंत में तो भाव 24 हजार रुपए क्विंटल तक जा पहुंचे थे, लेकिन इस बार मंडी में सौंफ मात्र 6 हजार से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है, जो कि गत वर्ष के मुकाबले आधे ही हैं।
मंडी पहुंचे किसानों को इस बारे में जरा भी अहसास नही था कि इस बार वे सौंफ की पैदावार करने के बाद इस तरह पछताना पड़ेगा, किसानों गत वर्ष सीजन के आखरी में सौंफ के दाम 24 हजार क्विंटल को देखते हुए अन्य फसलों के बजाए अपने खेत में सौंफ की बुर्वाई कर दी थी, जिसके चलते इस वर्ष क्षेत्र में सौंफ की पैदावार भी गत वर्ष के मुकाबले दोगुना हुई है। केवल लालसोट क्षेत्र करीब 500 हैक्टेयर भूमि में सौंफ की बुवाई है। दो गुना पैदावार के चलते मंडी में एक अप्रैल से 20 अप्रैल तक 12 हजार क्विंंटल की सौंफ की आवक हो चुकी है,जबकि सन 2023-24 के व्यापारिक सीजन में ही कुल 18 हजार 888 क्विंंटल सौंफ की आवक हुई थी।

आढ़तियों का तर्क, एक्सपोर्ट की डिमांड नहीं है

इस बार एक मौसम ने सौंफ की क्वालिटी पर भी बड़ा असर डाला है। बुवाई के समय सौंफ की अच्छी स्थिति थी, लेकिन फ्लोवरिंग स्टेज के वक्त अचानक क्लाइमेट चेंज हुआ और गर्मी बढ़ गई।सौंफ के फूल वहीं सूख गए। अगेती सौंफ में 20 प्रतिशत ही दाना बना।
इस बार सौंफ के दामों में एक साथ आई गिरावट के लिए मंडी के आढ़तिए बाहर से डिमांड नही होने का तर्क दे रहे हैं। ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवलकिशोर झालानी, पूर्व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, सत्यनारायण सौखियां, सत्यनारायण चैनपुरा एवं कमलेश अरण्या समेत कई आढ़तियों ने बताया कि गत वर्ष सौंफ के बढ़िया दाम मिलने के बाद इस बार अधिक किसानों ने सौंफ की खेती की थी, जिसके चलते पैदावार लगभग दोगुना है। ऊंझा मंडी में 40 हजार बोरी की बंपर आवक हो रही है, इस बार क्वालिटी भी हल्की है, ऐसे में डिमांड नहीं होने व पैदावार डबल होने से भाव आधे ही रह गए हैं।

जीरे ने बिगाड़ी सौंफ की महक

जानकारी के अनुसार गत वर्ष सौंफ के दामों में आई रिकार्ड तेजी में जीरे का अहम रोल रहा था। जीरे में तेजी के बाद बड़ी मात्रा में जीरे के स्थान पर सौंफ की खरीद की गई और मिलावट के जरिए उसे जीरे के विकल्प के रूप में तैयार करते हुए बाजार में बेचा गया। गत वर्ष जीरा 800 रुपए किलो तक बिका था, लेकिन इस बार जीरे के दाम 300 से 250 रुपए किलो ही रह गए तो इसका सीधा-सीधा असर सौंफ के दामों पर पड़ा है।

व्यापारिक वर्ष—-कारोबार

सन 2011-12—-39555
सन 2012-13—-69286
सन 2013-14—-15936
सन 2014-15—-9617
सन 2015-16—-16443
सन 2016-17—-32257
सन 2017-18—-36157
सन 2018-19—-31913
सन 2019-20—-41281
सन 2020-21—-40046
सन 2021-22—-26185
सन 2022-23—-31122
सन 2023-24—-18888

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