इसके बाद नोर्थ वेस्ट दिल्ली निवासी सौरभ शर्मा ने अपने आप को बिगास इंटरप्राईजेज कंपनी का डायरेक्टर बताते हुए सुनिल को फोन किया व काम के ऑफर को सीमित समय के लिए बताते हुए जल्द से जल्द खाते में रूपए जमा करवाने के लिए कहा। सुनिल के पास रूपए जमा करवाने के लिए कंपनी से तरूण वर्मा का भी फोन आया। सुनिल ने झांसे में आकर सौरभ शर्मा के खाते में दो किस्तों में 70 हजार रूपए जमा करवा दिए। रूपए जमा करवाने के बाद आरोपितों ने फर्जी दस्तावेजों व हस्ताक्षर से स्टाम्प पर कपंनी का एग्रीमेंट तैयार कर सुनिल को ऑनलाईन भिजवा दिया।
एग्रीमेंट के मुताबिक कंपनी ने प्रति फॉर्म भरने के लिए सुनिल को 15 रूपए देने तय किए। सुनिल ने एग्रीमेंट के आधार पर कार्य करना शुरू कर दिया और करीब 1000 फॉर्म भर दिए। दो माह बाद सुनिल के पास कंपनी से आशीर्वाद भट्ट नाम के व्यक्ति का फोन आया और उसने फॉर्म नही भरने व ऑनलाईन ट्रैनिंग लेने के लिए कहा। इसके बाद काफी दिनों तक सुनिल के पास कंपनी के किसी भी व्यक्ति का फोन नही आया। जब सुनिल ने कंपनी के नम्बरों पर सम्पर्क करना चाहा तो नम्बर गलत निकला। कंपनी के व्यक्तियों से बात नही होने पर सुनिल तारानगर निवासी अपने साथियों को साथ लेकर नोएडा में बिगास इंटरप्राईजेज कंपनी पहुंचा।
सुनिल ने वहां कंपनी में बैठी सिलोनी सिंह, सौरव शर्मा, तरूण वर्मा, नेहा, आर्शीवाद भट्ट आदि से मिला और अपने काम का भुगतान व सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाए गए रूपए मांगे तो आरोपितों ने रूपए देने से मना कर दिया। उन्होंने सुनिल से कहा कि उन्होंने रूपए एंठने के लिए तुम्हारे साथ धोखाधड़ी की है। तुम्हे रूपए वापिस नही मिलेंगे। आरोपितों ने दुबारा कभी रूपए मांगने व कंपनी में आने पर झूठे मुकदमें में फंसाने व जान से मारने की धमकी भी सुनिल को दी। पुलिस ने सुनिल की रिपोर्ट पर आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।