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छिंदवाड़ा

Swachh Survekshan 2024: चुनावी शोरगुल में धीमी पड़ गई स्वच्छता की आवाज

– तीन चरणों के मूल्यांकन की समय सीमा बीती,
– चौथे चरण के मूल्यांकन के लिए बचा एक माह

छिंदवाड़ाApr 23, 2024 / 01:01 pm

prabha shankar

Swachh Survekshan 2024

Swachh Survekshan 2024

छिंदवाड़ा। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में स्वच्छता की प्रतिस्पद्र्धा 9500 अंकों की है। इसमें 14 फीसद जन आंदोलन, 26 फीसद प्रमाणीकरण और 60 फीसद सेवा

स्तर में प्रगति शामिल है। 5705 अंक सिर्फ सेवा स्तर में प्रगति में समाहित हैं, जिनका गाइडलाइन के अनुसार चार चरणों में मूल्यांकन किया जाना है। तीन चरणों के मूल्यांकन की समय सीमा बीत चुकी है, लेकिन चौथे चरण के मूल्यांकन की सीमा मई तक है। इस दौरान सभी संकेतकों का जमीनी मूल्यांकन किया जाएगा। यह 5705 में से 2853 अंकों का है। पिछले सात माह से विधानसभा एवं लोकसभा के चुनावों का दौर चल रहा है। इसके कारण इस बार जनता के बीच स्वच्छ सर्वेक्षण की गूंज धीमी रह गई। शहर के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर भी मतदान जागरूकता के अभियान में जुटे रहे। इससे स्वच्छता का अभियान ठंडे बस्ते में चला गया।

ऐसे बांटे गए सेवा स्तर प्रगति संकेतक के अंक

  • लीगेसी वेसट रेमेडिएशन – 4 प्रतिशत
  • पृथकीकृत संग्रहण एवं परिवहन – 13 प्रतिशत
  • संकेत सूचक – 14 प्रतिशत
  • दर्शनीय स्वच्छता – 17 प्रतिशत
  • स्वच्छता उपयोगिता जल प्रबंधन एवं सफाई मित्र सुरक्षा 22 प्रतिशत
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन – 30 प्रतिशत

सेवा स्तर प्रगति के अंकों के लिए यहां देना होगा ध्यान


सेवा स्तर प्रगति में अंकों के लिए स्रोत पृथक्करण, अपशिष्ट संग्रह, अपशिष्ट प्रसंस्करण, रिसायकल एवं उपचारित कचरे का पुन: उपयोग, लीगेसी वेस्ट का निपटान, सफाई मित्र सुरक्षा, नागरिक प्रतिक्रिया आदि पर लगातार ध्यान देना होगा। वहीं स्वच्छता से संबंधित मिशन लाइफ संकेतकों में कई बिंदु भी शामिल हैं। मसलन घरों में सूखे एवं गीले कचरे को अलग अलग करना दैनिक आदतों में शामिल करना, जलाशय एवं सार्वजनिक स्थानों पर कचरा नहीं फेंकना, पुराने कपड़े एवं किताबें जरूरतमंदों को देना, शहरों एवं जलाशयों से सिंगल यूज प्लास्टिक सफाई अभियान का संचालन करना। स्कूलों में साफ सफाई, विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग कार्यशील शौचालयों की उपलब्धता, स्कूलों से निकलने वाले गीले, सूखे और तरल अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान भी किया जाना है। शहरों में खुले में पेशाब करने के नियंत्रण के लिए यलो स्पॉट संकेतक को भी जोड़ा गया है।

इस बार नहीं मिले थे आदेश


चुनाव एवं आचार संहिता के प्रतिबंधों का असर स्वच्छ सर्वेक्षण की गतिविधियों पर पड़ा है। 2018 के चुनावों में स्वच्छ सर्वेक्षण की गतिविधियों को लगातार संचालित करने के निर्देश थे, परंतु इस बार ऐसे आदेश नहीं मिले हैं। मतदान हो चुका है अब मैदानी स्तर पर भी गतिविधियां तेज की जाएंगी।
अभिनव कुमार तिवारी, सहायक नोडल अधिकारी

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