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छतरपुर

प्रशासनिक मनमर्जी से जनता त्रस्त, अपडाउन बनी बड़ी समस्या

– मुख्यालय में नहीं रहने से नहीं हो पा रहा क्षेत्र का विकास, क्षेत्रवासी परेशान

छतरपुरAug 24, 2019 / 12:55 pm

Unnat Pachauri

प्रशासनिक मनमर्जी से जनता त्रस्त, अपडाउन बनी बड़ी समस्या

प्रशासनिक मनमर्जी से जनता त्रस्त, अपडाउन बनी बड़ी समस्या

छतरपुर/बिजावर। कई दशकों से विकास के तमाम प्रयासों के बावजूद बिजावर क्षेत्र के निवासियों को आज भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनहितैशी योजनाओं के क्रियांवयन में लापरवाही के कारण हितग्राही त्रस्त हैं। बिजावर क्षेत्र के अधिकांश विभागों में पदस्थ अधिकारी ही शासन के सख्त आदेश होने के बावजूद मुख्यालय पर अपना निवास नहीं बना पाए हैं। इसके कारण कर्मचारी भी अपने आला अधिकारियों की राह पर चलते हुए जिले मुख्यालय से अपडाउन को शासकीय सेवा का ही रूप मानने लगे है और मनमर्जी कार्यालयों में आना और हितग्राहियों की बिना परवाह किए वापस लौट जाना रूटीन में शामिल हो गया है। शासन द्वारा आम लोगों के साथ ग्रामीणों को विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से लाभांवित करने और उनको अमली जामा पहनाने के लिए निर्देश विभागों को दिए गए हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की तानाशाही और मुख्यालय पर नहीं रहने के कारण विभिन्न योजनाओं के लाभ के लिए क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जनपद पंचायत में पदस्थ मनरेगा एसडीओ के अलावा अधिकांस उपयंत्री और कर्मचारी जिला मुख्यालय में निवास बनाए हुए हैं और जब कभी उनके मुख्यालय में होने के जानकारी चाही जाती है तो फील्ड में होने का हवाला दिया जाता है। ग्रामीणों से जुडा मुख्य विभाग होने के कारण हर रोज सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचते हैं। लेकिन कर्मचारियों के मुख्यालय पर न रहने के कारण उनकी समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। यही हालात तहसील मुख्यालय के बने हुए है जहां स्वयं अनुविभागीय अधिकारी भी बैठते हैं। लेकिन कर्मचारियों के अपडाउन प्रक्रिया से अवगत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है तहसील कार्यालय में ग्रामीणों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए कई बार चक्कर काटने पड़ते हैं। क्षेत्र के रहने वाले किशोरीलाल, राजेश, हार्षित आदि ने बताया कि शिक्षा विभाग के हालात तो और भी बदतर हैं। यहां प्राचार्य और अधिकारियों के अलावा स्कूलों में पदस्थ शिक्षक शासन के आदेशों की अवहेलना कर धज्जियां उड़ा रहे है। शासकीय महाविद्यालय वैसे ही कक्षाओं के संचालन में अनिमितताओं के कारण चर्चा में रहता है, उसके बाद भी यहा पदस्थ प्रोफेसरों के तानाशाह रवैया के चलते शिक्षण व्यवस्था ध्वस्थ है कॉलेज में पदस्थ स्टॉफ को मोटी वेतन मिलने के बाबजूद जिला मुख्यालय में निवास बड़ी समस्या है। यहां के कर्मचारी महज कुछ ही घंटों के लिए आते हैं और औपचारिकताएं निभाकर वापस लौट जाते हैं। ऐसे ही हाल एक्सीलेंस स्कूल और कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल है। जहां पर प्राचार्य ही जिला मुख्यालय से अपडाउन करते हैं तो शिक्षकों के अपडाउन पर रोक कौन लगाए। शासन द्वारा शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कई तरह की नि:शुल्क योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन इस सबके मूल उददेश्य शिक्षा के स्तर में सुधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना साकार नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा सीधे तौर पर जनता, किसानों और ग्रामीणों से जुडे हुए अन्य विभागों के कर्मचारी बेरोकटोक जिला मुख्यालय या अपनी सुविधानुसार निवास बनाऐ हुए है और उन्हें क्षेत्रीय समस्याओं से केाई सरोकार नहीं।
नहीं होती कार्रवाई
कई वर्षो से यह अपडाउन की प्रक्रिया शासकीय योजनाओं को सफल बनाने में मुसीबत बनी हुई है और मुख्यालय पर न रहना उनकी शासकीय सेवा का हिस्सा सा बन गया है। लेकिन आला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक कर्मचारियों के मुख्यालय पर न रहने की जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती और न ही शासन के आदेशों का कढ़ाई से पालन हो पाता है। इस कारण इन अपडाउन करने वाले कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं और जनता इनके रवैये से त्रस्त हैं। यही कारण है कि योजनाओं के सही क्रियांवयन न हो पाने के चलते क्षेत्रीय विकास की गति अवरूद्व है और क्षेत्रीय जनता आज भी शासन-प्रशासन से विकास की आश लगाए हैं। अनुभाग के प्रमुख अधिकारी भी इस गंभीर समस्या को स्वीकार तो कर रहे है लेकिन कार्रवाई के अभाव में समस्या के समाधान के लिए अभी तक कोई कारगर पहल नहीं की जा सकी है।
अब ऐसे सुधरेगी प्रशासनिक व्यवस्था, होगी कार्रवाई
क्षेत्र के रहने वाले सचिन अग्रवाल, धीरेंद्र गुप्ता आदि का कहना है कि जब इस गंभीर समस्या से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को अवगत कराया गया तो इस बड़ी समस्या को गंभीरता से लेने की बात कही गई। समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल करने की बात भी कही गई और जल्द ही क्षेत्रीय लोगों को सही तरीके से योजनाओं से लाभांवित करने की बात कहते हुए लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया गया।
सख्त निर्देश दिए जाएंगे
क्षेत्रीय जनता की समस्याओं का निदान और योजनाओं का सही क्रियांवयन प्राथमिकता है संबंधित विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए जाएंगे और अगर मुख्यालय से नदारत रहते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
राजेश शुक्ला, विधायक, बिजावर विधानसभा क्षेत्र
मुख्यालय पर रहने से व्यवस्थाएं भी दुरूस्त होगीं
प्रशासनिक अमले को मुख्यालय पर रहने के आदेश है। मुख्यालय पर रहने से समस्याओं का त्वरित निराकरण हो सकेगा और व्यवस्थाएं भी दुरूस्त होगीं। विभागों के कर्मचारियों को नोटिस जारी कर मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए जाएंगे।
मनोज मालवीय, एसडीएम, बिजावर
मुख्यालय में निवास बनाने के मौखिक निर्देश दिए गए हैं
कर्मचारियों का मुख्यालय पर न रहना समस्या है, पंचायत सचिवों और जनपद पंचायत के कर्मचारियों को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यवस्या सुधारने और शासन के आदेशों का पालन करने के लिए मनरेगा और कर्मचारियों को मुख्यालय पर निवास बनाने के मौखिक निर्देश भी दिए गए हैं। जल्द ही कढ़ाई से पालन कराया जाएगा।
अखिलेश उपाध्याय, सीईओ ज.पं. बिजावर

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