कई वर्षो से यह अपडाउन की प्रक्रिया शासकीय योजनाओं को सफल बनाने में मुसीबत बनी हुई है और मुख्यालय पर न रहना उनकी शासकीय सेवा का हिस्सा सा बन गया है। लेकिन आला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक कर्मचारियों के मुख्यालय पर न रहने की जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती और न ही शासन के आदेशों का कढ़ाई से पालन हो पाता है। इस कारण इन अपडाउन करने वाले कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं और जनता इनके रवैये से त्रस्त हैं। यही कारण है कि योजनाओं के सही क्रियांवयन न हो पाने के चलते क्षेत्रीय विकास की गति अवरूद्व है और क्षेत्रीय जनता आज भी शासन-प्रशासन से विकास की आश लगाए हैं। अनुभाग के प्रमुख अधिकारी भी इस गंभीर समस्या को स्वीकार तो कर रहे है लेकिन कार्रवाई के अभाव में समस्या के समाधान के लिए अभी तक कोई कारगर पहल नहीं की जा सकी है।
क्षेत्र के रहने वाले सचिन अग्रवाल, धीरेंद्र गुप्ता आदि का कहना है कि जब इस गंभीर समस्या से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को अवगत कराया गया तो इस बड़ी समस्या को गंभीरता से लेने की बात कही गई। समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल करने की बात भी कही गई और जल्द ही क्षेत्रीय लोगों को सही तरीके से योजनाओं से लाभांवित करने की बात कहते हुए लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया गया।
क्षेत्रीय जनता की समस्याओं का निदान और योजनाओं का सही क्रियांवयन प्राथमिकता है संबंधित विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए जाएंगे और अगर मुख्यालय से नदारत रहते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
राजेश शुक्ला, विधायक, बिजावर विधानसभा क्षेत्र
प्रशासनिक अमले को मुख्यालय पर रहने के आदेश है। मुख्यालय पर रहने से समस्याओं का त्वरित निराकरण हो सकेगा और व्यवस्थाएं भी दुरूस्त होगीं। विभागों के कर्मचारियों को नोटिस जारी कर मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए जाएंगे।
मनोज मालवीय, एसडीएम, बिजावर
कर्मचारियों का मुख्यालय पर न रहना समस्या है, पंचायत सचिवों और जनपद पंचायत के कर्मचारियों को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यवस्या सुधारने और शासन के आदेशों का पालन करने के लिए मनरेगा और कर्मचारियों को मुख्यालय पर निवास बनाने के मौखिक निर्देश भी दिए गए हैं। जल्द ही कढ़ाई से पालन कराया जाएगा।
अखिलेश उपाध्याय, सीईओ ज.पं. बिजावर