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चेन्नई

नारियल में पाए जाने वाले लौरिक एसिड से अल्जाइमर एवं मधुमेह का बेहतर होगा इलाज

-जर्मनी तथा यूके से आयातित बायोटेक्नालाजी यंत्र का उपयोग-उद्यमी विक्रम पारिख से बातचीत

चेन्नईJul 13, 2019 / 06:09 pm

Santosh Tiwari

lauric acid in coconut will increase the immunity power

नारियल में पाए जाने वाले लौरिक एसिड से अल्जाइमर एवं मधुमेह का बेहतर होगा इलाज

नारियल में पाए जाने वाले लौरिक एसिड को आधार पर बनाकर अल्जाइमर एवं मधुमेह समेत कई अन्य गंभीर रोगों को बेहतर इलाज किया जा सकता है। जर्मनी तथा यूके से आयातित बायोटेक्नालाजी यंत्र का उपयोग कर इन पोषक तत्वों को नारियल के तेल से निकाला जाता है। इसके लिए जर्मनी एवं यूके से आयातित बायोटेक्नाजाली यंत्र का उपयोग किया जा रहा है। यह कहना है उद्यमी विक्रम पारिख का। वे कहते हैं यह पोषक तत्व माता के दूध में पाया जाता है। इस पोषक तत्व को आधार बनाया गया। इसमें सभी पोषक तत्व होता है जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। एक जैन साधु के नेत्र रोग के इलाज करने में मिली असफलता के बाद उनके मन में विचार आया कि क्यों न प्रकृति से जुड़कर प्राचीन चिकित्सा पद्धति से ऐसे रोगों का इलाज कर उन पर काबू पाया जा सके। पत्नी दिव्या पारिख के साथ मिलकर उन्होंने इसकी 2016 में शुरुआत की जिसके लगातार कामयाबी मिलती गई। वे कहते हैं हम समस्या के मूल पर काम करना चाहते थे। मुख्य उद्देश्य है कि शरीर को पोषक तत्व एवं पूरक मिले जो शरीर को रोगों से अपने आप लडऩे के लिए तैयार करें। वे बताते हैं चेन्नई में गर्मी के दिनों में नारीयल पानी ठेलों पर बेचते हुए देखा जा सकता है। ठेले वाले द्वारा उसे काटने के दौरान फाइबर के कण जमीन पर बिखर जाते हंै इसमें कई रोगों के इलाज के गुण हैं। इसमें एक जैव अपघटक होता है जो कूलिंग को बढ़ाता है। नारियल के इसी गुण को आधार बनाकर टैन्डर्स वन्डर्स इस पसंदीदा गर्मी के फल को जिसमें सभी प्राकृतिक एवं स्वस्थ टानिक हैं लेकर काम करना शुरू किया। इसमें कई चिकित्सकीय गुण भी हैं। कंपनी के सीईओ पारिख ने राजस्थान पत्रिका को विशेष बातचीत में बताया कि चेन्नई में हाल ही इसकी शुरुआत की गई है। देश में ऐसा पहला अवसर है जब नारियल के पानी के उपयोग कर बायो टानिक का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें प्राकृतिक इलाज का गुण है। इस टानिक का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह किसी रोग के इलाज तथा आहार में पूरक का काम करता है। किसी भी रोग की तीव्रता को सही प्रकार के पोषक तत्व को मुहैया कराकर कम किया जा सकता है। वे बताते हैं इसमें जर्मनी तथा यूके से आयातित बायोटेक्नालाजी यंत्र का उपयोग कर इन पोषक तत्वों को नारियल के तेल से निकाला गया है। नारियल में लौरिक एसिड पाया जाता है। यह पोषक तत्व माता के दूध में पाया जाता है। इस पोषक तत्व को आधार बनाया गया। इसमें सभी पोषक तत्व होता है जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह एसिड प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। यह डिटोक्सीफायर की तरह काम करता है, हामोर्नल असंतुलन को कम करता है। इससे ब्रेन, स्कीन, मधुमेह, हड्डी मजबूत, शरीर दर्द को कम करने, मसल की देखभाल होती है। यह यादाश्त बढ़ाता है, अल्जाइमर के संज्ञान में सुधार, मिर्गी, रूसी, नमी के कारण खुजली एवं बाल का गिरना कम जैसे कई चिकित्सकीय गुण हैं।

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