कोडनाड़ एस्टेट प्रकरण : डीएमके राज्यपाल को देगी शिकायत
– मंत्रियों ने डीएमके पर साधा निशाना- विशेष जांच आयोग का गठन करे सरकार
चेन्नई. कोडनाड़ एस्टेट में चौकीदार की हत्या व लूट की घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सेम्युअल मैथ्यूज के खुलासे से आए भूचाल के बीच प्रमुख विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से भेंट कर शिकायत पत्र देने का निर्णय किया है। डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की अगुवाई में पार्टी नेता सोमवार को राज्यपाल से भेंट करेंगे। यह घटना २४ अप्रेल २०१७ की है जब कुछ लुटेरे कोडनाड़ एस्टेट में स्वर्गीय जयललिता के बंगले में घुसे थे। इन लुटेरों ने ओम्बकदुरै नाम के चौकीदार की हत्या कर दी थी और दूसरे प्रहरी पर जानलेवा हमला करने के बाद कीमती वस्तुएं लूटकर चले गए थे। घटना के बाद बंगले से महत्वपूर्ण दस्तावेजों के गायब होने की बात कही गई थी। इन दस्तावेजों के मिलने के बाद इस गिरोह के सरगना ने अपने कार चालक कनकराज समेत पांच जनों की हत्या करा दी। नई दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार मैथ्यूज ने इस काण्ड में मुख्यमंत्री की लिप्तता को लेकर एक वीडियो जारी किया। इस खुलासे के बाद सीएम पलनीस्वामी ने शनिवार को इसे सिरे से झुठलाया। महानगर पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा ने मुकदमा भी दर्ज किया है।
इस काण्ड में सीएम की कथित लिप्तता के आरोप की पृष्ठभूमि में डीएमके अध्यक्ष ने राज्यपाल को सोमवार को ज्ञापन देने की बात कही है। उन्होंने पत्रकारों से अण्णा अरिवालयम में मुलाकात की और इसकी जानकारी दी।
स्टालिन ने कहा कि सीएम और अन्य मंत्रीगण सरासर गलत आरोप लगा रहे हैं कि स्थानीय निकाय चुनाव को स्थगित कराने के लिए डीएमके जिम्मेदार है। हम कोर्ट इसलिए गए थे कि निकाय चुनाव निष्पक्ष और सही तरीके से हो। फिर हाईकोर्ट ने कई बार सरकार को निर्देश दिए कि वह चुनाव कराए लेकिन सरकार ने हर बार हाथ खड़े कर दिए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोडनाड़ एस्टेट में लूट और मौतों को लेकर तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक सेम्युअल मैथ्यूज ने कुछ महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उनके आरोपों का मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने सही जवाब नहीं दिया है जबकि पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। आरोप साबित होने पर पद छोडऩे की घोषणा करने के बजाय वे यह मामला प्रकाश में लाने वाले को ही धमकाने में लगे हैं लिहाजा सीएम को तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले की जांच के लिए विशेष न्यायिक जांच आयोग का गठन करे। इस आयोग का प्रमुख हाईकोर्ट के जज को बनाया जाए। सीएम की लिप्तता को लेकर लगे आरोप के बारे में हम राज्यपाल से भेंटकर उनको अवगत कराएंगे। अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो डीएमके कोर्ट की शरण लेगी।
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आरोपियों से पूर्व मंत्री राजा के क्या ताल्लुकात : सेम्मलै
सेलम. कोडनाड़ एस्टेट प्रकरण के अभियुक्तों से डीएमके नेता और पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए. राजा के क्या संबंध हैं और वे इस मामले की गहन जानकारी कैसे जुट पाए? एआईएडीएमके नेता एस. सेम्मलै ने कुछ ऐसे ही प्रश्न किए हैं।
यहां रविवार को पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा साजिश के तहत मुख्यमंत्री पलनीस्वामी पर आरोप लगाया गया है। उनको लगता है कि इस साजिश के पीछे डीएमके का हाथ है।
उन्होंने पूछा कि कोडनाड़ एस्टेट में लूट और हत्या के आरोपियों को डीएमके नेता ए. राजा कैसे जानते हैं? उनका कहना था कि जब जयललिता अस्पताल में उपचाररत थी उसी दौरान कोडनाड़ एस्टेट की वारदात की साजिश रची गई होगी।
पूर्व मंत्री सेम्मलै ने कहा कि अगर इस मामले को डीएमके कोर्ट में ले जाती है तो इसका कानूनी तरीके से सामना किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह डीएमके द्वारा सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
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विधि मंत्री षणमुगम का पलटवार
विल्लुुपुरम. कोडनाड़ एस्टेट मामले में विधि मंत्री सी. वी. षणमुगम ने रविवार को डीएमके प्रमुख एम. के. स्टालिन पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि क्या वे ए. राजा के सहयोगी रहे सादिक बाशा की मृत्यु की सीबीआइ जांच के लिए तैयार हैं?
उल्लेखनीय है कि इस मामले में डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन और अन्य नेताओं ने सीएम पलनीस्वामी से इस्तीफा मांगा है।
इस विवाद पर विधि मंत्री सी. वी. षणमुगम ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि झूठे मामले पर बयानबाजी कर रहे स्टालिन क्या सादिक बाशा आत्महत्या मामले की सीबीआइ जांच के लिए सहमत है।
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