मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले ही ऐलान किया था कि मंत्रियों और विधायकों को इस चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी को बहुमत दिलाना होगा। यदि वे ऐसा करने में नाकाम रहते है तो उन्हें मंत्री पद से हटाया जा सकता है। साथ ही विधायकों को आगे पार्टी का टिकट मिलने की संभावनाएं समाप्त हो जायेंगी।
पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड की हार पर उन विधानसभा क्षेत्रों से चुने गए मंत्रियों के कद घटाए गए है जहां जाखड को बढत नहीं मिली। दीनानगर से विधायक मंत्री अरूणा चैधरी से परिवहन विभाग इसी आधार पर वापस लिया गया है। अब परिवहन विभाग रजिया सुल्तान को दिया गया है।
रजिया सुल्तान के विधानसभा क्षेत्र मलेरकोटला से संगरूर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी केवल ढिल्लो को 13 हजार वोटों की बढत मिली थी। अरूणा चैधरी को सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग सौंपे गए है।
इसी तरह सहकारिता एवं जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के कद बढाए गए है। गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी सन्नी देओल के पक्ष में लहर के बावजूद रंधावा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र डेरा बाबा नानक से कांग्रेस प्रत्याशी को 18700 वोटों की बढत दिलाई। इसी तरह बाजवा ने फतेहगढ चूरियां क्षेत्र से 20800 वोटों की बढत दिलाई। सरकार में ताकत बढने पर रंधावा के डेरा बाबा नानक क्षेत्र में गांव धारोवाल स्थित निवास पर समर्थकों का तांता लगा है। यही हाल बाजवा के कादियां स्थित निवास पर है। मार्च 2013 में जब अमरिंदर सिंह को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर प्रताप सिंह बाजवा को नियुक्त किया गया था तो ये दोनों नेता अमरिंदर सिंह के साथ खडे रहे थे। लम्बी लडाई के बाद अमरिंदर सिंह को दिसम्बर 2015 में फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।