राजनाथ सिंह 2000 से लेकर 2002 तक यूपी के सीएम पद पर रहे। अटल-आडवाणी के समय में राजनीथ सिंह बीजेपी के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक थे। राजनाथ सिंह 2005, 2009 और 2013-2014 के बीच दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 2014 की मोदी सरकार में उन्होंने गृहमंत्री का पद सम्भाला। इस बार उन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
एक दौर था जब राजनाथ सिंह को चपरासी से भी कम पेंशन मिला करता था। राजनाथ सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद मिर्जापुर डिग्री कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी की थी। सन् 2000 में वह वहां से रिटायरमेंट ले लिए। रिटायरमेंट के बाद राजनाथ सिंह को बहुत कम पेंशन मिला करता था। उनका वेतन कितना था ये कम ही लोग जानते हैं। उस समय राजनाथ सिंह को चपरासी से भी कम पेंशन मिलती थी। दिलचस्प तो यह है कि जब उनके पेंशन की रकम 9500 बनी थी। लेकिन राजनाथ सिंह ने उसे लेने से इनकार कर दिया था। जब कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि 1992 के बाद से उन्होंने छात्रों को नहीं पढ़ाया है। इसलिए जब तक उन्होंने छात्रों को पढ़ाया है उसी साल के हिसाब से उन्हें पेंशन की रकम मिलनी चाहिए। इसके बाद पेंशन की जो रकम कॉलेज ने तय की वो चपरासी से भी कम थी। उस समय उनको 1350 रुपये पेंशन मिलना शुरू हुआ।