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पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में बिक्री में इस साल पिछले साल के मुकाबले 11% की गिरावट आई और इस साल जुलाई महीने में शोरूम्स पर 243183 यूनिट्स की बिक्री हुई। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ग्राहक क्रेडिट या फाइनेंस की कमी, गाड़ियों की ज्यादा कीमत और अर्थव्यवस्था में मदी माना जा रहा है। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में 274772 यूनिट्स बिकीं।
जुलाई में थोक और रीटेल वॉल्यूम में गिरावट की दर में अंतर काफी बड़ा हो गया है जिसके चलते ये शोरूम मालिकों को चिंता में डाल रहा है। आपको बता दें कि ये लगातार 9वां महीना है जब रीटेल में गिरावट दर्ज हुई है। जुलाई 2018 से अब तक यानि 13 महीनों में बिक्री 12 % घट गई है।
जुलाई महीने मे पैसेंजर कारों का डिस्पैच 36% बढ़कर 122,956 यूनिट हो गए, जबकि यूटिलिटी वाहन15% की गिरावट के साथ 67,070 यूनिट दर्ज की गई । वैन ने 10,804 इकाइयों के लिए 46% की गिरावट का सामना किया।
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FADA के अध्यक्ष आशीष काले के मुताबिक लॉबी समूह थोक आपूर्ति को कम करके जल्द से जल्द सूची को रेगुलेट करने की कोशिश करेगा। ओवरआल डिमांड में कमी के चलते खासतौर पर कमर्शियल सेगमेंट में, वर्तमान इन्वेंट्री डीलरों के लिए एक चिंता का विषय है इसलिए भी है क्योंकि बीएस 6 नार्म्स लागू होने में अब मात्र 6 महीने का वक्त बचा है।
टू व्हीलर सेगमेंट में आई है कमी-
टू व्हीलर सेगमेंट में इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोत्तरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में कमी के कारण बिक्री में 1332384 यूनिट की गिरावट आई है।
FADA के अनुसार, ऑटोमोबाइल डीलरों का लॉबी समूह निर्माताओं से डीलरों के साथ 21 दिनों की सूची बनाए रखने का आग्रह कर रहा है। जुलाई में डीलरों के साथ यात्री वाहनों की औसत लिस्ट महीने में 30-35 दिनों से 25-30 दिनों तक कम हो गई। कमर्शियल व्हीकल्स के लिए 55-60 दिनों की सीमा में रहना जारी रहा साथ ही टू-व्हीलर सेगमेंट में, डीलरों के साथ इन्वेंट्री महीने की तरह लगभग 60-65 दिन पहले बनी रही क्योंकि निर्माताओं ने इन्वेंट्री को पुश करना जारी रखा।