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नॉन निकोटिन दवाएं और एनआरटी दिलाएगा सिगरेट की आदत से छुटकारा, अपनाएं ये तरीका

डॉ.बिनीता प्रियंबदा, सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल टीम – डॉकप्राइम.कॉम

नई दिल्लीJun 10, 2019 / 05:04 pm

manish ranjan

smoking

Side effects of e-cigarette smoking

नई दिल्ली। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर साल दुनियाभर में तंबाकू का सेवन 7 मिलियन से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार देता है। तंबाकू-विरोधी अभियानों का प्रचार नहीं बढ़ा तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। तंबाकू का सेवन फेफड़ों पर बहुत ही हानिकारक प्रभाव डालता है; यह कैंसर या क्रॉनिक रेस्पिरेटरी बीमारियों का कारण बन सकता है। तंबाकू का सेवन कम कर फेफड़ों की सेहत सुधारने की दिशा में किए गए प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो रहे हैं। फेफड़े के कैंसर (लंग कैंसर) से होने वाली तीन में से दो मौतें धूम्रपान की वजह से हो रही है। यह क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) का भी एक महत्वपूर्ण कारक है। यह एक ऐसी स्थिति है जब सांस लेना मुश्किल और दर्द से भरा हो जाता है। धूम्रपान ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) का भी प्रमुख कारण है।
फेफड़ों के कैंसर के अलावा तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर को भी न्योता देता है। मुंह के कैंसर के रोगी भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे अधिक है। यह देश के सर्वोच्च 3 कैंसरों में से एक है। एक वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में भारत में मुंह के कैंसर की वजह से 1,19,992 नई मौतें दर्ज की गई। ज्यादातर लोगों को धूम्रपान से जुड़े कई स्वास्थ्य जोखिमों की जानकारी होती है लेकिन इसके बावजूद यह भारत में बचाए जा सकने वाली मौतों और बीमारियों का प्रमुख कारण है। किसी भी बुरी लत की ही तरह धूम्रपान छोड़ना भी एक दिन में नहीं होता; यह एक यात्रा है। इस लत को छोड़ना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। हम यहां पांच तरीके बता रहे हैं जिससे धूम्रपान की लत से छुटकारा पाया जा सकता है।
“कोल्ड टर्की” होने से पहले तैयारी करें- यह आपकी सिगरेट फेंकने जितना आसान नहीं है। दिमाग को निकोटिन की आदत पड़ जाती है। इस वजह से इस लत से बाहर निकलना आसान नहीं है। आपको कॉपिंग मैकेनिज्म भी तैयार करना होगा। डॉक्टर से परामर्श लेकर सभी संभावित तरीकों की जानकारी लें। ज्यादातर डॉक्टर स्टार क्विट प्लान की सलाह देते हैं। एक दिन तय करें, जो धूम्रपान छोड़ने के फैसले से दो हफ्ते के भीतर होना चाहिए। परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों से इस बारे में बात करें और उनसे कहे कि आपको उनका सहयोग चाहिए। आपकी यात्रा में आने वाली चुनौतियों की पहचान करें। साथ ही उन्हें दूर करने के रास्ते भी तलाशे। अपने घर, कार या दफ्तर से तंबाकू को बाहर कीजिए। उन सभी वस्तुओं से दूर रहे जो आपको धूम्रपान की तलब जगाते हैं।
एनआरटी का इस्तेमाल- निकोटिन की तलब लगती है और इस वजह से कई लोग धूम्रपान छोड़ने की कोशिश में नाकाम रह जाते हैं। ऐसे में निकोटिन रिप्लेसमेंट थैरेपी (एनआरटी) उनके लिए मददगार साबित हो सकती है। एनआरटी इस तरह डिजाइन किया गया है कि आप निकोटिन की सीमित मात्रा का सेवन करते हैं और तंबाकू में मौजूद अन्य रसायनों से बच जाते हैं। आप निकोटिन पर अपनी निर्भरता की जांच के लिए फेगरस्ट्रॉम टेस्ट कर सकते हैं। इसके बाद ही आप अपने लिए उपयुक्त उपचार भी तय कर सकते हैं।
गैर-निकोटिन दवाएं- एफडीए की अनुमोदित नॉन-निकोटिन दवाएं- ब्यूप्रोपियोन और वारैनिक्लिन आपको धूम्रपान छोड़ने में मदद करेगी। डॉक्टर या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें यदि धूम्रपान छोड़ने के लिए आप इसमें से कुछ आजमाना चाहते हैं। आपको इसके लिए प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत होगी।
व्यवहारात्मक सहयोग की मांग- इस लत पर भावनात्मक और शारीरिक निर्भरता इसे छोड़ना और चुनौतीपूर्ण बनाती है। धूम्रपान छोड़ने की दिशा में आपको इस निर्भरता से निपटना होगा। अपनी भावनात्मक निर्भरता को सुधारने के लिए आप काउंसलिंग सेवाएं, सेल्फ-हेल्प सामग्री और सपोर्ट सर्विसेस का लाभ उठा सकते हैं। यह न केवल आपको भावनात्मक तौर पर मदद करेगा बल्कि आपकी शारीरिक निर्भरता को भी कम करेगा। दवाओं को व्यवहारात्मक सहयोग के साथ लेने से लंबी अवधि से धूम्रपान कर रहे लोगों की इसे छोड़ने की संभावना 25 प्रतिशत बढ़ जाती है।
वैकल्पिक थैरेपी- कुछ लोग वैकल्पिक थैरेपी भी लेते हैं, जैसे- फिल्टर, स्मोकिंग डिटरंट्स, ई-सिगरेट्स, कोल्डर लेजर थैरेप और मैग्नेट थैरेपी। यह धूम्रपान छोड़ने में उनकी मदद करने का एक उपयोगी तरीका है। हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इनकी वजह से आप धूम्रपान पूरी तरह छोड़ देंगे। बल्कि कई मामलों में तो पता चला है कि इन विधियों के बाद उनकी धूम्रपान करने की आदत और बढ़ गई।

इन युक्तियों के उचित कार्यान्वयन से आपके फेफड़ों की सेहत सुधर सकती है और यह धूम्रपान की लत से लड़ने में मददगार हो सकता है। धूम्रपान के ट्रिगर्स से बचने की कोशिश करने से आप अपनी जिंदगी बचा सकते हैं और अपने करीबियों की भी। पैसिव स्मोकिंग भी एक्टिव स्मोकिंग की ही तरह खतरनाक है। तो स्वस्थ और संतोषजनक जीवन जीने के लिए आज ही धूम्रपान बंद करें।

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