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वन अमले पर अतिक्रमणकारियों ने किया पथराव, गोफन चलाए

locationबुरहानपुरPublished: Jul 10, 2019 10:43:31 pm

नेपानगर. बदनापुर वन परिक्षेत्र के बीट क्रमांक २४६ में वन अमले और अतिक्रमणकारी आमने-सामने हो गए। देखते ही देखते वन अमले पर पथराव और गोफन से हमला शुरू हो गया। इससे सभी वन विभाग के अफसर और कर्मचारी मौके से भागकर निकले। भगदड़ में वन विभाग के एसडीओ भी घायल हो गए। इस मामले के बाद आदिवासी संगठन का कहना है कि वन अमले ने छर्रे वाली बंदूक से हवा फायरिंग किया, इससे कई घायल हुए। मंगलवार सुबह अतिक्रमण क्षेत्र में पौधरोपण के लिए खंती खोदने वन अमला निकला, लेकिन यहां मौजूद लोगों के विरोध के चलते पूरा अमले को वापस भागना पड़ा। ३०० अफसर और कर्मचारियों को १०० अतिक्रमणकारियों ने भागने पर मजबूर कर दिया। भगदड़ में एसडीओ भूपेशकुमार शुक्ला घायल हो गए। विवादित भूमि से बाहर आकर अधिकारियों ने कर्मचारियों को फटकार लगाई। हिम्मत जुटकर दोबारा अमला अतिक्रमित क्षेत्र में पहुचा। शुरुवात में ही दोबारा अतिक्रमणकारियों ने उन्हें घेर लिया। किसी तरह समझाइश देने के बाद अधिकारी अंदर जाकर जेसीबी मशीन लेकर वापस लौटे। कार्रवाई में एसडीएम विशा वाधवानी, एसडीओपी एसआर सेंगर, तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर, नायाब तहसीलदार प्रवीण बानो अंसारी, थाना प्रभारी डीएसपी दीपा डोडवे सहित अन्य मौजूद थे।
बदनापुर मामले से प्रशासन में हडक़ंप, दो घंटे अस्पताल में डटे रहे कलेक्टर-एसपी, डीआईजी तक पहुंचे
आदिवासी संगठन ने भी वन अमले के विरुद्ध दर्ज कराया मामला
छर्रे निकालने तक रहे कलेक्टर-एसपी, सुबह 5 बजे घटनास्थल पर पहुंचे अफसर
नेपानगर. बदनापुर बीट में वन भूमि पर कार्रवाई के बाद प्रशासन में अफरातफरी है। आदिवासी संगठन ने छर्रे की गोलियां चलाने की बात कहकर चार के घायल होने की बात कही। इसके बाद एक घायल को जिला अस्पताल में भर्ती भी किया। जहां रात 10.30 बजे कलेक्टर राजेश कुमार कौल और एसपी अजयसिंह पहुंचे। 12 बजे तक अफसर यहां डटे रहे। इसके बाद रात एक बजे खरगोन रेंज के डीआईजी भी पहुंचे। सुबह पांच बजे अफसरों ने घटना स्थल पर जाकर मामले की जांच भी की। पूरे मामले के बाद दूसरे दिन पुलिस ने काउंटर केस दर्ज किया है।
प्रशासन के आला अधिकारियों ने वन भूमि की जांच की। खरगोन रेज के डीआईजी एमएस वर्मा, कलेक्टर राजेश कौल, एसपी अजय कुमारसिंह ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। अधिकारियों से चर्चा कर कार्रवाई की रूपरेखा जानी। इसके बाद सभी बुरहानपुर के लिए रवाना हुए। बता दे कि मंगलवार दोपहर वन अमला अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए मौके पर गया। यहां विवाद के बाद अमला वापस लौट आया। पूरे मामले के बाद आदिवासी संगठन ने भी फायरिंग की शिकायत भी की।अफसरों ने जानी पूरी कार्रवाई
रात करीब एक बजे तीनों अधिकारी नेपानगर पहुंचे। पहले नेपा थाने में जाकर उन्होंने घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। एसडीएम विशा माधवानी, एसडीओपी एसआर सेंगर, एसडीओ भूपेशकुमार शुक्ला से चर्चा कर मामला जाना। वन भूमि पर आए दिन हो रहे विवाद की जानकारी एसडीओ शुक्ला ने दी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों ये सतत यहां अतिक्रमण के प्रयास कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई कर जंगल साफ कर दिया। यहां पर फसल रोपकर अतिक्रमण जताने के प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों ने रातभर मौखिक जानकारी लेकर घटनाक्रम पर चर्चा की। मामले को लेकर तीनों अधिकारियों से प्रतिवेदन बनवाया। अलसुबह 5 बजे अधिकारी कक्ष क्रमांक 246 में पहुंचे। यहां वन भूमि पर कार्रवाई देखी। इसके बाद वे बुरहानपुर लौट गए।पुलिस विभाग ने बनाया काउंटर केस
कार्रवाई को लेकर वन विभाग की ओर से नामजद 26 लोगों पर शिकायत की। कार्रवाई में एसडीओ शुक्ला के साथ तीन कर्मचारी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने आईपीसी की धारा 353, 147, 148, 149, 332, 427 के तहत नामजद प्रकरण दर्ज किया। वहीं आदिवासी एकता संगठन की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों पर गोली चलाकर आदिवासियों को घायल करने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से गोली चलाई, जिसके चलते चार आदिवासी घायल हुए हैं। पुलिस ने आदिवासियों की मेडिकल जांच कराने के साथ ही आइपीसी की धारा 336-337 के तहत मामला कायम कर जांच शुरू की है।अब आगे क्या
वन विभाग और आदिवासी संगठन की ओर से की शिकायत के आधार पर पुलिस दोनों पक्षों की जांच करेगी। मामले में निष्पक्ष जांच के लिए समिति का गठन होगा। इसमें जिले के आला अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। आदिवासियों एवं वन विभाग के सबूतों की जांच के बाद पात्रों को वनाधिकार का लाभ देकर शेष भूमि खाली कराई जाएगी।बीयू1113 : इस वन भूमि क्षेत्र में हुआ विवाद।

वन अमले पर अतिक्रमणकारियों ने किया पथराव, गोफन चलाए

वन अमले पर अतिक्रमणकारियों ने किया पथराव, गोफन चलाए

बाहर आने के बाद सभी एक दूसरीे पर नाकामी का दोष देने लगे। इसके बाद जेसीबी लेने दोबारा अधिकारियों ने जंगल में जाने की हिम्मत जुटाई। नवाड क्षेत्र की शुरुवात में ही फिर उन्हें आदिवासियों ने घेर लिया। अतिक्रमणकरियों ने आदिवासी एकता जिंदा बाद, आमु आखा एक छे, आवाज दो हम एक हंै, जंगल जमीन कोन री छे आमरी छे, आमरी छे के नारे लगाए। अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें अंदर जाने के लिए माना लिया। उन्होंने कहा कि जेसीबी लेकर जल्दी वापस जाओ। तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर ने कहा कि किसी भी पात्र का नुकसान नहीं किया जाएगा। अपात्र को हम वन भूमि पर अवैध कब्जा नहीं जमाने देंगे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के आदेशानुसार कुछ दिनों में आपके चयनित प्रतिनिधि के साथ स्थानीय प्रशासन की बैठक होगी। जिसमें वन, राजस्व, पुलिस के साथ अन्य विभाग के अधिकारी भी रहेंगे। इनकी मौजूदगी में आपको जो सबूत दिखाने हो वो दिखाना। चयनित समिति यदि आपको पात्र मानती है तो आपको भूमि से कोई नहीं हटाएगा। लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो सभी को वन भूमि खाली करनी होगी। इस बीच एक महिला ने तहसीलदार के साथ बदसलूकी की। महिला पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया।
बंदूकधारियों को निहत्थों ने भगाया
एक तरफ वन, राजस्व, नगर सेना, पुलिस के कुल ३०० से अधिक अफसरकर्मी थे तो दूसरी ओर १०० लोग। अफसर सभी संसाधनों से लेस थे। उनके पास अश्रु गैस के गोले, बंदूक, बॉडीगार्ड, डंडे सहित अन्य सभी आवश्यक सामग्री थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हे खदेड़ दिया। गोफन से पत्थर शुरू होते ही सभी ऐसा भागने लगे जैसे बम फेंके जा रहे हों। एसडीओपी, एसडीएम, एसडीओ, तहसीलदार सहित अन्य सभी अधिकारी कर्मचारियों को रोकते रहे। लेकिन कोई नहीं रुका। इस बीच कर्मचारियों को रोकने में एसडीओ शुक्ला गिर पड़े। वे बुरी तरह जख्मी हो गए। इस दौरान करीब तीन जेसीबी भी बाहर निकाल ली, शेष ६ जेसीबी अंदर ही फंस गई। जहां उनके काच फोड़े गए। चालकों के साथ मारपीट की।
ऐसे गर्माया पूरा मामला
सुबह करीब १० बजे वन अमला अतिक्रमित क्षेत्र बदनापुर बीट में पहुचा। लंबे समय बाद प्रशासन ने यहां बड़ी कार्रवाई करनी तय की थी। करीब ९ जेसीबी से १५० हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खंती (गड्डे) खोदे जाना थे। दो घंटे तक कार्रवाई ठीक चली। ६० हेक्टेयर की वन भूमि पर खंती कराई गई। कुछ देर बाद अचानक लोगों ने पथराव करते हुए अधिकारियों की ओर आने लगे। उन्होंने गोफन से पत्थर मारने शुरू कर दिए। इनका सामना करने के बजाए कर्मचारी वापस भागने लगे। एक के बाद एक सभी मौके से भाग खड़े हुए। करीब तीन किमी दूर जंलग में कार्रवाई चल रहीे थी। अधिकारियों की समझाइश के बाद भी कर्मचारी नहीं रुके। अंत में अधिकारियों को भी जान बचाकर भागना पड़ा।
& वन विभाग से मिले शिकायत पत्र के आधार पर आईपीसी की धारा ३५३, १४७, १४८, १४९, ३३२, ४२७ के तहत नामजद प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
– एसडीओपी, सखाराम सेंगर
&पहले दिन की कार्रवाई पूरी हुई। विरोध के चलते २४५ में ही खंती किया गया। २४६ में दोबारा कार्रवाई होगी। हमने फायर ही नहीं किया गया तो वे घायल कैसे हुए। हमने हवाई फायर किए थे।
विशा माधवानी, एसडीएम
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