आरती के पिता चंद्रपाल ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी 15 दिसंबर को कासगंज के थाना नगरिया इलाके के गांव चंदवा निवासी रोहित पुत्र झरगद के साथ की थी। पिछले दिनों आरती विदा होकर मायके आयी थी। यहां उसकी सहेलियां उससे मिलने आयीं। सहेलियों को देखकर चंद्रपाल पड़ोसी के घर जाकर बैठ गए। कुछ समय बाद आए तो देखा कि आरती और सहेलियां वहां से नदारद थीं। पूछताछ की तो पता लगा कि आरती ने उनसे कहा कि पति से मिलने जा रही है। लेकिन उसके बाद वो वापस लौटकर नहीं आयी। इसके बाद से आरती के परिजनों को बेटी के लापता होने के पीछे दामाद पर शक था।
इस बारे में सहसवान कोतवाल कुशलवीर सिंह ने बताया कि अभी तक की जांच में ये पता लगा है कि आरती को उसके पति ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर बरेली के सेटेलाइट से अगवा किया था। वे लोग वहां से उसे सहसवान के जंगलों में ले आए और उसकी हत्या की। इसके बाद शव के कपड़े उतारने के बाद उसकी पहचान मिटाने के लिए आग के हवाले कर दिया। पड़ताल में पता चला है कि पति रोहित को आरती पसंद नहीं थी इसलिए उसे मार दिया। फिलहाल पुलिस पता लगा रही है कि आरती के पति के साथ वारदात में कौन कौन शामिल था।
बता दें कि मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे कोतल नगला के जंगलों में ग्रामीणों को महिला का शव जलते हुए मिला था। महिला की उम्र करीब 20 साल थी। उसका शरीर पूरी तरह निर्वस्त्र था लेकिन गले में अधजला कपड़ा फंसा हुआ था। अंदाजा लगाया जा रहा था कि महिला की घटना स्थल पर ही हत्या की गई और पहचान छिपाने के लिए उसके शव को वहां पड़े यूकेलिप्टिस के पत्तों से जलाने का प्रयास किया गया। इसके बाद पुलिस ने ग्राम प्रधान राजेश कुमार की ओर से अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शव को बदायूं मोर्चरी में रखवा दिया था। वहीं गुरुवार रात बरेली के थाना बारादरी इलाके के मुहल्ला दुर्गानगर निवासी चंद्रपाल समेत उनके परिवार के लोग यहां पहुंचे और शव की शिनाख्त आरती के रूप में की।