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बीकानेर

स्कूली खेलों में नहीं पारदर्शिता, कोच न संसाधन, पिछड़ रहे ‘प्रतिभावान’

खेल केन्द्रों व छात्रावासों के खिलाडि़यों को नहीं मिला पाता पूरा प्रशिक्षण

बीकानेरMar 29, 2018 / 09:00 am

अनुश्री जोशी

sports
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के स्कूली खेल अनुभाग में प्रदेशभर में डिप्टी डीईओ (उप जिला शिक्षा अधिकारी) से लेकर कोच तक के अधिकतर पद खाली पड़े हैं। इससे सत्र पर्यन्त खेल केन्द्र, खेल छात्रावास और राज्य का एकमात्र बीकानेर स्थित स्पोट्र्स स्कूल बेहाल है। इनमें कोच व संसाधन का अभाव और पूरी तरह निगरानी भी नहीं हो पा रही है।
इसका असर स्पोट्र्स स्कूल व खेल छात्रावासों के प्रतिभावान छात्रों पर पड़ रहा है। उन्हें खेलों का पूरा प्रशिक्षण नहीं मिला पाता और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में पिछड़ जाते हैं। राज्य के 33 जिलों में शारीरिक शिक्षा के डिप्टी डीईओ के पद हैं। इनमें से मात्र तीन जिलों में ही डिप्टी डीईओ लगे हैं। प्रदेश में कुल 13 सत्र पर्यन्त खेल केन्द्र हैं। इनमें से 9 छात्र एवं 4 छात्रा खेल केन्द्रों और दो खेल छात्रावास में कोच की नितान्त कमी है।
निदेशालय के पास ही सार्दुल स्पोट्र्स स्कूल में प्रिंसिपल का पद ही खाली है। इसका अतिरिक्त कार्यभार उप निदेशक (खेल निदेशालय) के पास है। राज्य के एकमात्र स्पोट्र्स स्कूल में कोच के 12 पद हैं, लेकिन यहां तीन कोच ही कार्यरत हैं। 9 पदों पर कार्यवाहक के रूप में पीटीआई को लगाया गया है।
बजट की भी कमी
विभिन्न स्कूलों में खेल मैदान, बजट अथवा खेल सामग्री की कमी है। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित स्कूल खिलाडिय़ों को खेल शिविरों में पूरी व्यवस्था नहीं होने से अपने स्तर पर अभ्यास करने की छूट दे दी जाती है। इन सभी विसंगतियों के चलते राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान स्कूली खेलों फिसड्डी रहता
आया है।
खाली हैं पद
– 30 जिलों में नहीं शारीरिक उप जिला शिक्षा अधिकारी
– 13 सत्र पर्यन्त खेल केन्द्रों में कोच का अभाव
– 12 में से तीन ही कोच हैं सार्दुल स्पोट्र्स स्कूल में

ये सुधार हों
– चयनित खिलाडिय़ों के प्रशिक्षण शिविर जिला मुख्यालय पर लगें।
– प्रशिक्षण कार्य में योग्य खेल प्रशिक्षक लगाया जाएं। स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इण्डिया और निदेशालय के बीच अधिकारी लगाने को लेकर मतैक्य हो।
– खेल का बजट क्रीड़ा शुल्क से आता है। खेल मद में आई इस राशि का अन्य मदों में उपयोग किया जाता है। राज्य सरकार खेल मद में बजट दे।
– रेफरी पैनल ऑनलाइन किया जाना चाहिए।
– चयन में पारदर्शिता होनी चाहिए।
रिक्त पद भरे जाएं
फिजिकल टीचर एसोसिएशन ने शिक्षा निदेशक से कई बार मांग की है कि उप निदेशक (खेल), उप जिला शिक्षा अधिकारी (शारीरिक), खेल प्रशिक्षक के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरा जाए।
धूमल भाटी, प्रदेशाध्यक्ष, फिजिकल टीचर एसोसिएशन
खेल मैदान में सुधार की जरूरत
सार्दुल स्पोट्र्स स्कूल में कई इंडोर गेम्स भी मिट्टी के मैदान पर खेले जाते हैं। कोच के कुल १२ पद हैं, लेकिन तीन ही कोच हैं। बाकी पदों के विपरीत पीटीआई को लगा रखा है। प्रिंसिपल का अतिरिक्त पदभार खेल उप निदेशक जीवण शंकर शर्मा को दे रखा है।
रोहिताश, रेजिडेंशियल हाउस मास्टर, सार्दुल स्पोट्र्स स्कूल
खिलाडिय़ों की प्रोत्साहन राशि कम
इस वर्ष माध्यमिक एवं प्रारंभिक निदेशालय के अधीन स्कूलों को कुल 13 स्वर्ण, 19 रजत एवं 43 कांस्य पदक मिले हैं। माध्यमिक को मिल पदकों की अभी तक जानकारी नहीं है। माध्यमिक शिक्षा में 18 खेल हैं। जिला स्तर पर खेल मद में फण्ड क्रीडा शुल्क से ही सृजित होता है। चयनित खिलाड़ी को खुराक के 100 रुपए, किट के 750 रुपए दिए जाते हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर चयनित खिलाड़ी को एक हजार रुपए दिए जाते हैं। राज्य सरकार की ओर से स्वर्ण पदक मिलने पर छात्र को 10 हजार, रजत विजेता को साढ़े सात हजार तथा कांस्य मिलने पर 5 हजार प्रोत्साहन राशि कम है। ऑपन स्टेट एसोसिएशन इससे ज्यादा स्कॉलरशिप देती है।
महेन्द्र बेनीवाल, कार्मिक (खेल अनुभाग), मा.शि. निदेशालय बीकानेर

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