निदेशक ने प्रभाग प्रभारियों से उनकी कार्य प्रणाली पर भी जानकारी ली और निर्देश दिए कि अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों पर काम किया जाए तथा प्रारंभिक शिक्षा में सुधार के लिए योजना निर्माण कर प्रेषित की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की डाइट्स को शिक्षा के क्षेत्र में लाइट हाउस के रूप में जाना जाता है। उन्होंने उपस्थित फैकल्टी से कहा कि डाइट की कार्यप्रणाली में न केवल सुधार की आवश्यकता है, बल्कि अध्यापक शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में विशेष कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि राज्य की प्रारंभिक शिक्षा को प्रभावी और सार्थक परिणाम देने वाली बनाया जा सके। निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त निदेशक (शैक्षिक) सुभाष महलावत भी उनके साथ थे।