भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बसंत पंडा को लिखे पत्र में पाणिग्रही ने पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया। पाणिग्रही पहले बीजू जनता दल में थे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2018 के फरवरी माह में हुए बिजैपुर सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया था। वह बीजेडी की रीता साहू से चुनाव हार गए थे। फिर आम चुनाव में सनत गडतिया बीजेपी की टिकट पर मैदान में आए। वह बीजेडी प्रत्याशी सीएम नवीन पटनायक से चुनाव हार गए थे। नवीन हिंजली से भी चुनाव जीते थे। पटनाक ने बिजैपुर सीट से इस्तीफा दे दिया। यहां हो रहे उपचुनाव में एक बार फिर रीता साहू बीजेडी की प्रत्याशी हैं। बीजेपी ने सनत गडतिया को उतारा है। गडतिया के टिकट को लेकर अशोक पाणिग्रही और उनके समर्थक बीजेपी से नाराज हो गए। वह बीजेपी नेतृत्व पर बीते कुछ दिनों से उपेक्षित व्यवहार का आरोप लगाते रहे हैं। बताते हैं कि वह बीजेडी के प्रमुख नेताओं के संपर्क में हैं। इसी 17 अक्टूबर को नवीन पटनायक बिजैपुर का चुनावी दौरा करेंगे। कहा जा रहा है कि वह बीजेडी में शामिल हो सकते हैं।
उधर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिजैपुर में एक सभा में पटनायक पर आरोप लगाया कि बिजैपुर से चुनाव जीतने के बाद नवीन पटनायक ने सीट छोड़ दी। ऐसा करके उन्होंने बिजैपुर की जनता से धोखाधड़ी की। उन्होंने कहा कि बीजेडी का प्रभाव बिजैपुर समेत पश्चिम ओडिशा से समाप्त होता जा रहा है। बिजैपुर का उपचुनाव ओडिशा की राजनीति की दिशा तय करेगा। यहां से बीजेपी प्रत्याशी का जीतना तय है।