183 प्रस्ताव मिले
यही नहीं 15 विभिन्न सेक्टरों के लिए 183 छोटे-बड़े प्रोजेक्ट घोषित किए गए। पांच हजार के करीब प्रतिनिधियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। निवेश के मुख्य प्रस्तावों में हल्दिया पेट्रो-केमिकल्स 70 हजार करोड़, जेएसपीएल 60,950 करोड़, महानदी कोल फील्ड लिमिटेड 58, 997 करोड़, सेल 41,400 करोड़, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 46,650 करोड़ प्रमुख हैं।
डिफेंस का हब बनेगा ओडिशा
इसके अलावा ओडिशा में एयरोस्पेस और डिफेंस इंडस्ट्री की भी संभावनाएं तलाशी गयीं। कहा गया है कि यह राज्य इन उद्योगों का हब बन सकता है। इसमें निवेश का सही आंकड़ा नहीं मिल पाया। चांदीपुर, सूनाबेड़ा, बलंगीर, 480 किमी तटवर्ती क्षेत्र में रक्षा उत्पाद और सहायक कारखानों के लिए मुफीद समझा जा रहा है। ओडिशा सरकार ने डिफेंस और एयरोस्पेस इंडस्ट्री पॉलिसी बनायी जा चुकी है।
टेक्सटाइल पर विशेष जोर
प्रमुख सचिव उद्योग संजीव चोपड़ा ने कहा कि राज्य ने डिफेंस प्रोडक्शन के क्षेत्र की नीति बनायी है जो लोगों को आकर्षित करेगी। आईटीआई, डीआरडीओ, एचएएल के क्षेत्र नयी तकनीक के प्रयोग को लेकर राज्य हर संभव सहयोग को तैयार है। बीएचईएल ने रक्षा उत्पाद में छोटे उद्योगों की मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा टेक्सटाइल उद्योगों में भारी संभावनाएं दिख रही है। राज्य सरकार ने दो टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की घोषणा की है।
अगला मेक इन ओ़डिशा 30 नवं. 2020
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि उनकी सरकार औद्योगिक विकास के लिए हर संभव सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मेक इन ओडिशा का तृतीय संस्करण 30 नवंबर 2020 को होगा। इस कानक्लेव को भारी रिसपांस मिला। प्रमुख सचिव उद्योग संजीव चोपड़ा ने कहा कि 183 प्रस्ताव मिले हैं। इसमें 37 प्रस्ताव, फर्टिलाइजर, केमिकल्स एंड पेट्रो-केमिकल्स के हैं। इस क्षेत्र में 1,35,309 करोड़ का निवेश होगा। इसके अलावा 53 प्रस्ताव मिनिरल, मेटल्स एंड डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज के हैं जिनमें 1,88,635 करोड़ का निवेश होगा और 6 प्रस्ताव इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित के हैं तथा 12 लॉजिस्टिक्स सेक्टर के हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आने वाली कंपनियों को नाम बताने से चोपड़ा ने इंकार कर दिया। उनका कहना है कि कंपनियों ने यही अनुरोध किया है। इससे पहले मेक इन ओडिशा 2016 में 2.03 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव राज्य को प्राप्त हुए थे।