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भोपाल

ब्यावरा मेंं जंक्शन, 2021 तक दौड़ेेगी भोपाल-रामगंजमंडी ट्रेन

राजस्थान में पूरा होने को है काम, एमपी में भूमि-अधिग्रहण के मामले भी निपटे

भोपालJul 04, 2018 / 02:18 pm

Ram kailash napit

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BANAJA JUNCTION ON BASA RAIL STATIONS WITH LIMITED FACILITIES.

ब्यावरा. लंबे समय से विभिन्न बाधाओं के कारण अटके रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन के काम को जमीनी स्तर पर भी गति मिली है। अभी तक भूमिअधिग्रहण सहित बजट की दिक्कतों के कारण अटकी लाइन को रेल मंडल भोपाल ने 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

यानीं 2021 तक ब्यावरा से भोपाल के बीच भी ट्रेन दौडऩे लगेगी। डीआरएम भोपाल ने स्पष्ट किया है कि पूरे मार्ग पर अब रेलवे को जमीन मिल चुकी है, अब किसी प्रकार की अड़चन नहीं बची है। बैरागढ़ की ओर से रेलवे ने काम भी शुरू कर दिया है जो जल्द ही आगे भी बढ़ेगा।

दरअसल, इस बार के रेलवे बजट में नाम मात्र की राशि उक्त रेल लाइन को मिलने से जिले को निराशा ही हाथ लगी थी, लेकिन प्रशासनिक स्तर से रेलवे ने तमाम भूमि-अधिग्रहण के मामले निपटाए, जिनमें राजगढ़ की मोहनपुरा परियोजना में आ रही दिक्कत को भी निपटाया।

राजस्थान की सीमा में झालावाड़ से अकलेरा तक का काम लगभग पूरा होने की कगार पर है। अब राजस्थान सीमा से खिलचीपुर की ओर से अर्थवर्क शुरू हुआ है। साथ ही बैरागढ़ से जमीनी स्तर पर रेल लाइन का काम शुरू हो गया है। तमाम तकनीकि बाधाओं के बीच रेलवे ने तय समय सीमा में लाइन को बनाने लक्ष्य रखा है।

ब्यावरा में बनेगा जंक्शन
रेलवे के अनुसार मक्सी-रुठियाई रेलवे ट्रेक पर ब्यावरा में मिलने वाली रामगंजमंडी-भोपाल लाइन का मुख्य जंक्शन ब्यावरा में बनेगा। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कचनारिया में जंक्शन बनेगा, लेकिन अब रेलवे ने स्पष्ट किया है कि जंक्शन ब्यावरा में ही बनेगा। इसके बाद मक्सी-विजयपुर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी पूरा हो जाएगा। इससे न सिर्फ जिले को लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या मेें भी इजाफा होगा।
प्रयासों के अभाव में धीमी हुई प्रोजेक्ट की रफ्तार
2021 तक भले ही जिले के लोगों को राजस्थान-मप्र के बीच ट्रेनों की सौगात मिल रही हो,लेकिन यह काफी पहले मिल जाना चाहिए थी। जिले के जनप्रतिनिधियों के प्रयासों के अभाव में यह प्रोजेक्ट अटका रहा। कई बार तो रेलवे द्वारा दी गई बजट की राशि तक लेप्स हो गई। इस बार भी नाम मात्र की राशि मिली थी, जिसका उपयोग ही समय रहते नहीं हो पाया। भूमि-अधिग्रहण के तमाम मामले रेलवे अपने स्तर पर निपटाती है, लेकिन बजट में आने वाली राशि जनप्रतिनिधियों के प्रयास के हिसाब से आती है। करीब चार से पांच साल से प्रयासों मे लगातार रही कमी के कारण उक्त महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अटका रहा।

फैक्ट-फाइल
-2700 करोड़ से बनना है रामगंजमंडी-भोपाल लाइन।
-700 करोड़ रुपए का प्रपोजल शुरू में बना था, जिसे बाद में बढ़ाया।
-200 करोड़ वर्ष-2016 में मिले थे।
-200 करोड़ इस बार के बजट में मिले।
-झालावाड़ तक चालू हो चुकी है लाइन।
-262 किमी है पूरे मार्गकी लंबाई।
(रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार)

अब भूमि अधिग्रहण के अधिकतर मामले निपटा लिए गए हैं, पूरे मार्ग पर अब कोई बाधा नहीं बची है। हमने बैरागढ़ की ओर से काम भी शुरू किया है, पूरी लाइन का काम तय समय सीमा में पूरा किया जाएगा। ब्यावरा में जंक्शन बनेगा और बाकी अन्य स्टेशन भी प्लॉन अनुसार बनेंगे।
-शोभन चौधुरी, डीआरएम, रेल मंडल, भोपाल
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