हाल में मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह और बेटे कार्तिकेय के विरोध के वायरल हुए वीडियो ने आग में घी का काम किया ।
बुदनी क्षेत्र में तेजी से बदलते समीकरणों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की टेंशन बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले ही वे अपने क्षेत्र के लोगों से वादा लेकर निश्चिंत हुए थे कि वे मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश की दूसरी सीटों पर ज्यादा फोकस करेंगे।
बुदनी क्षेत्र में तेजी से बदलते समीकरणों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की टेंशन बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले ही वे अपने क्षेत्र के लोगों से वादा लेकर निश्चिंत हुए थे कि वे मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश की दूसरी सीटों पर ज्यादा फोकस करेंगे।
उनके क्षेत्र का प्रचार प्रसार उनकी पत्नी और बेटा संभालेगा। इसके बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदली। बुदनी क्षेत्र के प्रस्तावित प्रत्याशी अर्जुन आर्य की जगह हैवी वेट प्रत्याशी अरुण यादव को मैदान में उतार दिया।
यादव प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ सांसद रहा चुके हैं। इसके साथ यादव समाज के साथ ओबीसी वोट बैंक में उनकी पकड़ मानी जाती है। यादव के मैदान में आने से बुदनी का चुनाव रोचक हो गया है।
वर्ष 2008 और 2013 के चुनावों में शिवराज के सामने कमजोर प्रत्याशी होने से वे प्रचंड बहुमत से जीते थे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भले ही प्रदेश के दौरे कर दूसरे प्रत्याशी की सीट को मजबूत करने में लगे हुए हैं, लेकिन उनका पूरा ध्यान अपनी सीट पर लगा हुआ है।
यदि तीन—चार दिन में स्थिति न सुधरी तो शिवराज बुदनी में भी सक्रिय हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इसके पहले कांग्रेस ने बुदनी में इतनी गंभीरता से कभी चुनाव नहीं लड़ा था, जितना इस बार लड़ रही है।