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भोपाल

तो क्या इसलिए घट गया एमपी में मतदान, सामने आई सोचने पर मजबूर कर देने वाली वजह

राजनीतिक जानकारों की मानें तो अति आत्मविश्वास और कार्यकर्ताओं से मतदाताओं तक उत्साह की कमी ने इस बार यानी लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान घटाया है।

भोपालApr 27, 2024 / 09:03 am

Faiz

election voting
लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान में पहले चरण के बाद दूसरे पर भी भीषण गर्मी का थोड़ा बहुत असर पड़ना स्वाभाविक था, लेकिन पिछले यानी लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में सीधे साढ़े सात फीसदी कम वोटिंग होगी, ऐसी कल्पना किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं की गई थी। उम्मीद टूटने की बड़ी वजह ये है कि भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों ने मध्य प्रदेश में पहले चरण में कम वोटिंग होने पर दूसरे चरण की वोटिंग के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए थे।
बूथ स्तर पर सीधे मतदाता से संपर्क, काल सेंटर के जरिये कई स्तर पर मतदाताओं से बातचीत, शक्ति केंद्र, मंडल और जिला स्तर पर किए गए प्रयासों के बाद भी मतदान न बढ़ पाना चिंताजनक है। ये स्थिति तब है, जब महज पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव 2023 में इसी मध्य प्रदेश में 77 फीसदी मतदान हुआ था।
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क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार ?

एमपी में मतदान प्रतिशत में आई बड़ी गिरावट को लेकर राजनीतिक जानकारों का एक तर्क ये भी है कि भाजपा द्वारा दिए स्लोगन ‘अबकी बार 400 पार’ और ‘तीसरी बार मोदी सरकार’ जैसे नारों ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में ऐसा सेनेरियों बनाया है कि मानों भाजपा की जीत सुनिश्चित है। इससे मतदाताओं के मन में ऐसा भाव पैदा हुआ कि जब एक पार्टी को जीतना ही है तो मतदान करें या न करें, क्या फर्क पड़ेगा। इसकी दूसरी वजह विपक्षी दलों द्वारा चुनाव प्रचार में उत्साह की कमी को भी माना जा रहा है।

खजुराहो में कोई दमदार प्रत्याशी ही नहीं रहा

प्रदेश में दूसरे चरण को देखा जाए तो होशंगाबाद और सतना को छोड़ किसी भी संसदीय सीट के चुनाव में कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिला। अन्य सीटों पर संघर्ष की स्थिति न बन पाने से भी मतदान प्रतिशत में गिरावट आई है। छतरपुर जिले की खजुराहो संसदीय सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के विरुद्ध कोई दमदार प्रत्याशी ही नहीं रहा। वहां मतदान के प्रति रुचि में कम होना स्वाभाविक था, लेकिन विष्णु दत्त शर्मा के प्रयास वहां मतदान को काफी हद तक ठीक स्थिति में ले आए। इसकी वजह थी कि विष्णु दत्त शर्मा ने वाकओवर जैसे चुनाव को भी चुनाव की तरह ही लड़ा।

इतने के बाद भी पिछली बार के मुकाबले 12% कम मतदान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का रोड शो करवाकर माहौल बनाया ताकि मतदान अधिक से अधिक हो सके। इस सीट पर परिवार पर्ची का प्रयोग भी इसमें मददगार रहा। एकतरफा चुनाव में कार्यकर्ताओं ने पूरे परिवार की मतदाता पर्ची बनाकर घर-घर भिजवाई। बार-बार उन्हें याद दिलाया, तब जाकर 56.5 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि, पिछले चुनाव से ये लगभग 12 प्रतिशत कम है।
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