पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के सुर फिर बदल गए हैं। उन्होंने अपनी ही पार्टी के कैम्पेन के तरीके पर सवाल उठाए। बाबूलाल गौर शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए गोविंदपुरा विधानसभा की बैठक में बोले रहे थे। गौर ने कहा कि हमें महाराज का नाम नहीं लेना था। हमें अपने ही नेताओ का नाम लेना था। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा का नारा था ‘माफ करो महाराज हमारा नेता तो शिवराज।’
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर जब से मंत्री पद से दरकिनार किए गए हैं, तभी से वे अपनी ही पार्टी को घेरने में लगे रहते हैं। इससे पहले भी कई बार वे कांग्रेस के समर्थन में बयान देते रहे हैं और भाजपा के खिलाफ मीडिया में अपना गुस्सा जाहिर करते रहते हैं।
थोड़े दिन पहले ही गौर मिला था ये ऑफर
हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बाबूलाल गौर से कहा है कि वे और उनकी पार्टी चाहती है कि भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। गौर ने कांग्रेस के इस ऑफर को नहीं ठुकराया है और यह भी कह दिया है कि इस पर विचार करेंगे। इसके बाद गौर ने कई बार कहा कि मैंने आफर स्वीकार नहीं किया है, लेकिन मना भी नहीं किया है। इसके बाद दूसरी बार गौर का बयान आया कि वे कहीं नहीं जाएंगे अपनी ही पार्टी के लिए काम करेंगे। गोविंदपुरा क्षेत्र से 9 बार विधायक रहे पूर्व मुख्यमंत्री को यह आफर दिग्विजय ने उनके घर पहुंचकर लंच पार्टी के दौरान दिया था। दरअसल, दिग्विजय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले दिनों गौर के 74 बंगला स्थित आवास पर दोपहर भोजन के लिए गए थे।
35 साल से हार रही है कांग्रेस
दिग्विजय सिंह का यह आफर ऐसे समय में आया है जब एक माह बाद ही देशभर में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी और कांग्रेस एक-एक सीट जीतने की जद्दोजहद करेगी। भोपाल की लोकसभा सीट पिछले 35 सालों से भाजपा के कब्जे में है। यहां हर बार कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ती है।
कांग्रेस के करीब आए बाबूलाल
दिग्विजय सिंह के सीएम रहने के दौरान बाबूलाल गौर नेता प्रतिपक्ष थे। इस दौरान गौर की नजदीकियां कांग्रेस के साथ पहले से रही हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटने और बहू कृष्णा गौर को टिकट देने में संगठन की आनाकानी के कारण गौर नाराज हो गए थे। उनके भाजपा तक छोड़ने की अटकलें लग गई थीं। हालांकि वे कांग्रेस में नहीं गए, लेकिन इस दौरान कांग्रेस के संपर्क में रहने के कारण दिग्गज नेताओं से नजदीकियां भी बढ़ गई थीं।