पहले सूचना थी कि सरकार अगस्त के अंतिम हफ्ते में शिक्षकों की भर्ती का ऐलान कर सकती है। लेकिन सूत्रों के अनुसार इसके बाद कुछ कारणों के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया। जिसके बाद अब सामने आ रही जानकारी के अनुसार तकरीबन 15 सितंबर तक भर्ती प्रक्रिया को लेकर विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। यह भर्तियां प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक पदों पर होंगी।
इसके अलावा अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन होने के बाद जहां शिक्षा विभाग में संविदा भर्ती बंद हो चुकी है, वहीं इसे देखते हुए 30 साल बाद अब शिक्षकों के नियमित पदों पर भर्तियां होने जा रही हैं।
वहीं यह बात भी पहले सामने आ चुकी थी कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले 31 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। जिसका शिक्षा विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया था। यह भर्ती प्रक्रिया व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (पीईबी पूर्व में व्यापमं) द्वारा की जाएगी।
वहीं कहा जा रहा है कि सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा है। लेकिन विभाग के अधिकारियों ऐसा हो पाना मुश्किल मान रहे हैं।
भले ही यह माना जा रहा है कि विज्ञापन सितंबर के दूसरे सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा। लेकिन विभाग से सामने आ रही जानकारी के अनुसार परीक्षा कब होगी यह संभव नहीं है। कहा जा रहा है कि शासन द्वारा जो चार्ट तैयार किया जा रहा है, उसी में तारीखें दर्शाई जाएंगी।
चुनाव के बाद!…
जानकारी के अनुसार अभी प्रदेश में करीब 70 हजार शिक्षकों की जरूरत है, जबकि केवल 31 हजार भर्ती को हरी झंड़ी मिली है, ऐसे में जानकारों का यह भी मानना है बाकी भर्ती के लिए सरकार चुनाव के बाद का भी वादा कर सकती है।
महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण…
यह भी चर्चा है कि महिला उम्मीदवारों को शिक्षक भर्ती में 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। पिछले दिनों इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ऐलान किया था। इन्हें उम्र में 5 साल की छूट भी दी जाएगी।
अतिथि शिक्षकों को बोनस मार्क का लाभ दिया जाएगा। ऐसे शिक्षक जिन्हें 200 से 399 दिनों का अनुभव है उन्हें 5 नंबर बोनस के रूप में दिए जाएंगे। वहीं, 400 से 599 दिनों का अनुभव होने वालों को 10 नंबर बेनस में मिलेंगे।
राजनीति जानकारों के अनुसार अपनी इस रणनीति से जहां सरकार शिक्षकों को संतुष्ट करने का प्रयास करती दिख रही है, वहीं इसकी मदद से महिलाओं को भी साधने का प्रयास किया जाएगा।
भर्ती के संबंध में कुछ जानकारों का कहना है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए सितंबर में ही परीक्षा आयोजित की जा सकती है। इसका कारण जो बताया जा रहा है उसके अनुसार सितंबर में परीक्षा करने से आचार संहिता के लगने से पहले सरकार शिक्षकों को नियुक्त कर सकती है।
इधर, कुछ सूत्रों का यह भी दावा है कि इन भर्तियों के दौरान लाखों की संख्या में लोग आवेदन करेंगे, लेकिन समय कम होने की वजह से इस दौरान 31 हजार शिक्षकों की ही भर्ती की जाएगी। वहीं जानकारों का यह भी मानना है कि गेस्ट टीचर्स को मौका देने के लिए नियमों में खासतौर से बदलाव किया गया है।