कोटड़ी,सवाईपुर,मांडलगढ़ क्षेत्र के किसानों ने बताया कि वो रोजाना तीन से चार हजार बोरी मक्का, चार सौ बोरी गेहूं तथा पचास से अधिक चने की बोरी लेकर मंडी में आ रहे है। उनकी सुविधा के लिए सरकार ने यहां चार प्लेटफार्म बना रखे है, लेकिन सभी पर स्थानीय व्यापारियों ने कब्जे कर अपनी दुकान जमा रखी है। एेसे में उन्हें मंडी प्रांगण में खुले में कृषि जिंस के ढेर लगाने पड़े रहे है। मौसम खराब होने की स्थिति में नुकसान झेलना पड़ता है। वही मंडी परिसर में दिन भर वाहनों की आवाजाही बनी रहने से अधिकांश वाहन मक्की के ढेरों के बीच से निकल की उनकी उम्मीदें कुचल रहे है
राजस्थान पत्रिका के समाचार अभियान पर तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव (कृषि) पी के गोयल भी मंडी पहुंचे। मंडी से कब्जे हटवाए तथा भविष्य में कब्जे नहीं हो, इसके लिए स्थानीय प्रशासन को नियमित रूप से मंडी की जांच करते हुए दोबारा अतिक्रमण नहीं होने देने के लिए पाबंद किया था।मंडी प्रशासन की चुप्पीकिसानों को सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने नीलामी चबूतरे का निर्माण कराया, लेकिन नीलामी चबूतरे पर कुछेक लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा । ऐसे में किसानों को उपज खुले में रखनी पड़ रही है। मंंडी प्रशासन भी अवैध कब्जों को लेकर चुप्पी साधे है।
मुरली ईनाणी, अध्यक्ष भीलवाड़ा खाद्यान्न व्यापार संघ भीलवाड़ा