मां के दर्द को समझा, संस्था आगे आई यात्री महिला के दर्द को समझते हुए महावीर इंटरनेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट ने बस स्टैण्ड में प्लेटफार्म पर वात्सलय नाम से कक्ष बनवाया था, ताकि इसमें माताएं बिना हिचकिचाहट शिशुओं स्तनपान करवा सकें।
भूले देखरेख, अब लजा रही ममता
भूले देखरेख, अब लजा रही ममता
कक्ष की देखरेख आगार प्रबंधन को करनी थी, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। हालात ये हैं कि कक्ष के दरवाजे टूट चुके हैं और यह जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गया है। इसमें समाजकंटक बैठकर स्मैक पीते हैं। आसपास मवेशी डेरा डाले रहते हैं।
इनका कहना है
यही सही है कि वात्सलय की हालत खराब हो गई है। इस ठीक करवाया जाएगा। ओमप्रकाश चेचाणी, मुख्य आगार प्रबंधक, भीलवाड़ा
यही सही है कि वात्सलय की हालत खराब हो गई है। इस ठीक करवाया जाएगा। ओमप्रकाश चेचाणी, मुख्य आगार प्रबंधक, भीलवाड़ा