इस घटना में रवि 80 फीसदी झुलस गया है। पाली प्रभारी नशीने ने तुरंत उन्हें मेन मेडिकल पोस्ट पहुंचाया। जहां से उन्हें सेक्टर-9 अस्पताल रेफर कर दिया गया। दोनों का बर्न यूनिट में उपचार किया जा रहा है। सूचना मिलनते ही सीटू की सुरक्षा समिति व विभागीय दल ने घटना स्थल का दौरा किया।
जांच में पाया कि जिस लेडल में विस्फोट हुआ, वह फाउंड्री शॉप में भेजना था और इसलिए उसमें फेरो एलॉय डाला गया था। जांच दल के अनुभवी सदस्यों ने आशंका जताई कि फेरो एलॉय गीला होने की वजह से यह दुर्घटना घटी होगी।
महाप्रबंधक ने कहा कि स्लेग पोरिंग में ब्लास्ट तो हो जाता है, लेकिन मेटल पोरिंग में ऐसा हादसा कैसे हुआ यह समझ से परे है। इसके लिए जांच कमेटी प्रबंधन ने बनाई है। उन्होंने घायलों के साथ किसी व्यक्ति को सेक्टर-9 हास्पिटल ना भेजने पर आश्चर्य व्यक्त किया। इसे लापरवाही मानते हुए कहा कि ऐसा हुआ है, तो संबंधित अधिकारी को तलब किया जाएगा। पुन: ऐसी लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।
उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा कके द्विवेदी ने बताया कि लेडल में टेपिंग से पहले गीला फेरो सिलिकॉन डाल दिया था। जिसकी वजह से ब्लास्ट हुआ। प्रबंधन ने लापरवाही बरती है, उसे गीले फेरो सिलिकॉन को लेडल में नहीं डालना था।