नए सिरे से तय होगी फीस
बीबीए और बीसीए की डिग्री कन्वेशनल/एकेडमिक नहीं होकर प्रोफेशनल डिग्री कहलाएगी। एआईसीटीई का एकेडमिक प्रोसेस समाप्त होने के बाद जल्द ही यह कोर्स फीस विनियामक आयोग में भी जाएंगे। यानी इंजीनियरिंग और अन्य प्रोफेशनल कोर्स की तरह बीबीए और बीसीए की फीस भी आयोग द्वारा निर्धारित होगी। अभी यह कोर्सेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों से तय होते हैं। अलग से किसी एजेंसी से अनुमति की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ विश्वविद्यालय से संबद्धता की जरूरत पड़ती थी। एआईसीटीई से बढ़ेंगे मौके
बीबीए और बीसीए की डिग्री अभी तक सिर्फ संबधित विश्वविद्यालय से ही संबद्ध हुआ करती थी, जिसकी वजह से इसका वेटेज महानगरों और विदेश में कम हो जाया करता था। हालांकि यह समस्या सिर्फ टीयर-2 व टीयर-3 सिटीज के विद्यार्थियों के साथ होती थी। अब एआईसीटीई से मान्यता के बाद इस डिग्री की वैल्यू ग्लोबल लेवल पर बढ़ जाएगी। देश-विदेश में कहीं भी जरूरत पड़ने पर एआईसीटीई का बैनर बड़े मौके दिलाएगा।
क्यों पड़ रही जरूरत
मैनेजमेंट और कंप्यूटर एप्लीकेशन जैसे कोर्स को हमेशा से ही एआईसीटीई के दायरे में रखा गया है, क्योंकि इन्हें प्रोफेशनल कोर्स कहा जाता है। बीबीए और बीसीए भी मैनेजमेंट, कंप्यूटर से जुड़े कोर्स हैं। ऐसे में इनको भी एआईसीटीई के दायरे में रखने का निर्णय लिया गया। इसके पीछे एआईसीटीई का मकसद इन कोर्स के विद्यार्थियों को बेहतर गुणवत्ता शिक्षा से जोड़ना है।
इस तरह है तैयारी
एआईसीटीई ने इन कोर्स का दायरा बदलने के साथ ही मान्यता को लेकर भी कड़े नियम तय किए हैं। इन कोर्स के लिए फैकल्टी से लेकर प्रयोगशाला तक सबकुछ एआईसीटीई के नियम से रखने को कहा गया है। यह पहली बार है जब बीबीए और बीसीए को भी एआईसीटीई अप्रूवल देगा। इसके संबंध में सभी कॉलेजों को निश्चित समय तक अप्रूवल के आवेदन करने और इन कोर्स के लिए जरूरी आर्हताओं को पूरा करने के लिए समय दिया गया था। बीबीए और बीसीए का अप्रूवल देने के लिए दो कैटेगरी तय की गई थी। पहले ऐसे टेक्निकल कॉलेज जो पहले से ही यूजी कोर्स यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेकर संचालित कर रहे हैं। दूसरे नए कॉलेज जो इन कोर्सेस को शुरू करना चाहते हैं। दोनों के लिए ही एआईसीटीई अप्रूवल जरूरी किया गया।