अमेरिका से अरूण कुमार ओझा ने सरकार को ट्वीट किया और मदद मांगी है कि वह बस्ती जिले में सेंठा गांव के रहने वाले है और उनके गांव मे जाने के लिये सड़क नहीं है, विकास के नाम पर गांव मे कोई काम नही हुआ और इस बार चुनाव मे पूरा गांव नोटा का बटन दबाकर अपना विरोध जतायेगा । इस ट्वीट की हकीकत जानने के लिये जब पत्रिका की टीम गांव में पहुंची, तो सरकार के सारे दावे की पोल खुल गई । गांव में जाने के लिये सड़क तक नहीं है, साथ ही साथ गरीब और बुजुर्ग को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। देश के अन्य जनता की तरह ही ग्रामीणों को भी जनप्रतिनिधियों से कोई आशा नहीं है। बता दें कि बस्ती लोकसभा सीट से बीजेपी के हरीश द्विवेदी सांसद है और लोगों में सांसद को लेकर भी नाराजगी है ।
इस मुद्दों को लेकर स्थानीय बीजेपी विधायक सीपी शुक्ला ने कहा कि गांव में सड़क नहीं होने को लेकर वह शासन को पत्र भेज चुके हैं जल्द ही कोई निष्कर्ष निकलेगा। उन्होंने कहा कि गांव की समस्या को ग्रामीणो से बात करके दूर की जायेगी।
बहरहाल मोदी और योगी सरकार यह दावा जरुर करती है कि इंडिया डिजिटल हो रहा है और गांव गांव विकास की गंगा बह रही है, मगर जब बस्ती के सेंठा गांव में पहुंचेंगे तो सरकार के सारे दावों की पोल खुल जाती है।