मामला बस्ती जिले का है जहां साढ़े तीन लाख किसान हैं, लेकिन इसका लाभ उन्हीं किसानों को मिलना है जिनके पास कम से कम दो एकड़ जमीन हो। योजना के अन्तर्गत आने वाले किसानों को पहली किस्त जल्द से जल्द देने की सरकार की मंशा के तहत इन किसानों में से पात्र किसानों की लिस्ट बनाने का काम शुरू हो गया है। लेखपाल इलाके में सर्वे कर पात्र किसानों की लिस्ट बनाने में जुटे हैं।
बस्ती के हरैया तहसील क्षेत्र में भी पात्र किसानों की लिस्ट बनाने के लिये इलाके के लेखपाल की टीम शनिवार की दोपहर अमारी गांव पहुंची थी। वहां के किसानों का आरोप था कि उनसे लिस्ट में नाम आगे भेजने के नाम पर घूस मांगा गया। पर इन आरोपों से लेखपाल ने इनकार किया, लेकिन पूरे मामले का वीडियो वायरल होने के बाद लेखपाल की असलियत खुल गयी। वीडियो में अमारी गांव में सूची बनाने के दौरान उनके साथ आया सहयोगी किसानों से रुपये लेकर जेब में रखता हुआ भी दिखा। यही नहीं खुद लेखपाल भी रुपये के लेनदेन का लेकर किसानों से बहस करती दिख रही हैं। वीडियो सामने आने के बाद भी लेखपाल अपनी गलती मनने को तैयार नहीं थीं। बल्कि उनका तो कहना था कि किसान अपनी खुशी से सुविधा शुल्क देते हैं तो वो ले लेती हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद जब मामला आलाधिकारियों तक पहुंचा तो एसटीएम हरैया शिवप्रताप शुक्ला ने तत्काल कार्यवाही करते हुए लेखपाल को सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया है। तहसील के दो अधिकारियों की एक जांच टीम बनाकर उनसे रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि योजना के तहत किसानो को दो हजार रुपये की पहली किस्त उनके खाते में दी जएगी। इसके लिये पात्र किसानों के पास दो हेक्टेयर जमीन होनी चाहिये। यदि परिवार में एक से ज्यादा किसान होंगे तो उनके नाम से खतौनी के आधार पर उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा।
By Satish Srivastava